अहंकार को खत्म करने के लिए हुआ वामन अवतार : सुदर्शनाचार्य
थुरल (कांगड़ा)। गुप्तेश्वर महादेव मंदिर थुरल में श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन रविवार को स्वामी सुदर्शनाचार्य मधुसूदन ने भगवान नारायण के 24 अवतारों में से दो प्रमुख राम अवतार और कृष्ण अवतार का वर्णन किया।स्वामी ने बताया कि दैत्यराज बली को अपनी संपत्ति और शक्ति का अहंकार हो गया था। इस अहंकार को समाप्त करने के लिए भगवान वामन अवतार में धरती पर आए और पलभर में विराट रूप धारण कर दैत्यराज बली का सबकुछ छीन लिया। इसके बाद बली भगवान के भक्त बन गए। स्वामी ने कहा कि जीवन की सफलता और असफलता ही समुद्र मंथन की तरह हैं; असफलता से निराश न होकर जो व्यक्ति कर्तव्य पथ पर बना रहता है, वही सफलता रूपी अमृत प्राप्त करता है। राम अवतार में भगवान राम मर्यादा के अवतार थे। भगवान ने मानव रूप में अवतार लेकर मानवता और नैतिकता की शिक्षा दी। कृष्ण अवतार में भगवान स्वयं को भगवान के रूप में प्रस्तुत हुए और आचार्य ने श्रद्धालुओं से कहा कि हमें भगवान नहीं हैं, इसलिए भगवान नारायण का अनुकरण करना चाहिए, न कि उन्हें भूलना।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Aug 31, 2025, 20:41 IST
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