Varanasi News: काशी ने बालक वर्धमान को बनाया भगवान महावीर, बोले- डॉ. संजीव; काशी की कर्मयात्रा का बखान

Mahavir Jayanti: बालक वर्धमान को ही काशी ने भगवान महावीर बनाया। काशी में ही उनके गुरु भगवान पार्श्वनाथ का जन्म हुआ था और उन्होंने उनकी ही शिक्षाओं को पूरी दुनिया में फैलाया। वह काशी आए थे और बनारस व सारनाथ में उन्होंने उपदेश भी दिया था। यह जानकारी तीर्थंकर ऋषभदेव विद्वत महासंघ के राष्ट्रीय मंत्री डॉ. संजीव सराफ ने दी। राष्ट्रीय मंत्री डॉ. सराफ ने बताया कि जैन ग्रंथों के अनुसार भगवान महावीर ने बनारस और सारनाथ में उपदेश दिए थे। भगवान महावीर स्वामी जब वाराणसी आए थे तो उस समय वाराणसी राजा मल्ल की राजधानी थी। राजघाट की खुदाई में छठवीं शताब्दी की भगवान महावीर की मूर्ति मिली थी, जो कि लखनऊ संग्रहालय में है। इसके अलावा पहाड़पुर में जो गुप्तकालीन ताम्रपत्र मिला है 479 इस्वी का उसमें भी जैन समुदाय और भगवान महावीर का काशी से संबंधों का वर्णन मिलता है। जैनों के प्रमुख ग्रंथ जैनेंद्र सिद्धांत कोश और समय सूक्तम जैसी रचनाएं भी भदैनी स्थित छेदी लाल दिगंबर जैन मंदिर में हुई थीं। इसमें भी भगवान महावीर का वर्णन है। महावीर को भगवान बनाने में काशी का योगदान इसलिए भी अहम रहा है कि उन्होंने भगवान पार्श्वनाथ की शिक्षाओं को जन-जन तक फैलाया। भगवान महावीर के बाद कोई तीर्थंकर नहीं हुआ है। उन्होंने जियो और जीने दो का संदेश दिया। विश्व की सबसे प्राचीनतम जीवित नगरी काशी के माध्यम से यह संदेश पूरे विश्व में गया।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Apr 09, 2025, 22:36 IST
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