Varanasi News: ब्रह्महत्या से मुक्ति के लिए भगवान राम ने की थी अपने आराध्य की नगरी की यात्रा, जानें मान्यता

भगवान शिव की नगरी काशी में शैव और वैष्णव परंपराएं साथ-साथ प्रवाहमान हैं। विश्व के प्राचीनतम शहर बनारस में त्रेतायुग के निशान आज भी विद्यमान हैं। पंचक्रोशी परिक्रमा मार्ग पर भगवान राम द्वारा स्थापित शिवलिंग और गंगा के तट पर भगवान के राम से बना घाट आज भी श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र हैं। काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी के अनुसार भगवान राम ने अपने गुरु वशिष्ठ के आदेश पर ब्रह्महत्या से मुक्ति के लिए काशी के सर्वश्रेष्ठ अविमुक्त क्षेत्र की यात्रा की थी। पंचक्रोशी के परिक्रमा पथ पर भगवान राम के आगमन के निशान हैं। धर्मकूप पर भगवान राम द्वारा स्थापित रघुनाथेश्वर शिवलिंग और रामेश्वर में रामेश्वर महादेव हर व हरि के एकाकार होने का प्रत्यक्ष प्रमाण हैं। गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने बताया कि आनंद रामायण के यात्रा कांड के 35वें और 36 वें श्लोक में भगवान राम से पहले बजरंगबली हनुमान के काशी आने का वर्णन मिलता है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Oct 18, 2025, 21:11 IST
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