हिसार में चार दिन बाद भी ड्रेन को नहीं कर पाए दुरस्त, मदद के लिए एसडीआरएफ पहुंची
गांव कैमरी-पातन के पास पिछले चार दिन से टूटी घग्गर ड्रेन को स्थानीय प्रशासन दुरस्त नहीं कर पाया। तमाम प्रयासों के बाद भी ड्रेन के किनारे को बांधा नहीं जा सका। जिसके बाद हिसार- सादुलपुर रेल लाइन को खतरा हो गया है। रेल लाइन पर करीब दो किलोमीटर तक रेल लाइन के दोनों ओर पानी भर गया है। पानी का स्तर एक से दो फीट बढ़ने पर रेल की पटरियां डूब जाएंगी। रेलवे अधिकारियों ने बचाव के लिए बचाव के प्रबंध शुरू किए। साथ ही उच्च अधिकारियों को भी अवगत कराया। जिसके बाद प्रदेश सरकार ने हिसार के लिए एसडीआरएफ की एक टुकड़ी भेजी है। जिसने शनिवार सुबह से राहत- बचाव का काम शुरू कर दिया है। गांव कैमरी के पास टूटी ड्रेन को 48 घंटे बाद भी बंद नहीं किया जा सका। ड्रेन के किनारे को ठीक करने के लिए पहुंची पोकलेन कीचड़ में फंस गई। जिसके बाद उसे अब तक नहीं निकाला जा सका। मनरेगा मजदूर करीब एक किलोमीटर दूर से मिट्टी से भरे बोरे ढो कर ला रहे हैं। जिनको लगाने कर अब तक ड्रेन को ठीक नहीं किया जा सका है। लकड़ी की बल्ली, तार, लोहे की टीन लगाकर पानी के बहाव को रोकने का प्रयास किया जा रहा है। कैमरी- पातन के बीच पिछले दस दिन में करीब चार बार ड्रेन टूट चुकी है। गंगवा की 30 से अधिक ढाणी खाली कराई जा चुकी हैं। शुक्रवार शाम करीब चार बजे जब ड्रेन को लभगग ठीक किया जा चुका था तब अचानक तेज बारिश शुरु हो गई। जिसके बाद ड्रेन अधिक एरिया में टूट गई। तीन हाइवे तथा एक स्टेट हाइवे पर भरा पानी हिसार में हिसार-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे-52 पर गांव सरसौद, हांसी - बरवाला एनएच 148बी पर गांव चानौत ,दिल्ली-हिसार एनएच 9 पर मुंढाल, भैणी महाराजपुर में रोड का कुछ हिस्सा पानी में डूबा हुआ है। इसके अलावा हिसार- भादरा स्टेट हाइवे पर भी आर्यनगर में करीब एक किलोमीटर एरिया में जलभराव है। कुछ एरिया में रोड वन-वे किया गया था।गांव जेवरा में लोगों ने पानी निकासी के लिए गांव जेवरा से बहबलपुर जाने वाली सड़क उखाड़ दी।राजली, सरसौद, बिचपड़ी, लितानी, गुराना, आर्यनगर, चानौत, आर्यनगर, मिर्जापुर, पातन,टोकस ,बुगाना, डाटा ,गांवों में आबादी एरिया में पानी भरा हुआ है जिले के 276 गांवों के लिए खुला क्षतिपूर्ति पोर्टल हिसार। लोक निर्माण एवं जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री रणबीर गंगवा ने बताया कि जलभराव के कारण से फसलों को हुए नुकसान के पंजीकरण हेतु जिले के 276 गांवों के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला गया है। इससे पहले यह पोर्टल 81 गांवों के लिए खुला था। अब 276 गांवों के किसान इस पोर्टल पर फसलों को हुए खराबे को दर्ज कर सकते है। ई-क्षतिपूर्ति पोटल पर आदमपुर तहसील के 30, बालसमंद के 19, बरवाला के 28, बांस के 19, हांसी के 43, हिसार के 87, खेड़ी जालब के 17, नारनौंद के 18 तथा उकलाना तहसील के अंतर्गत 15 गांव पंजीकरण करा सकते हैं। अभी तक 25 हजार किसानों ने 1 लाख 45 हजार एकड़ क्षेत्र का खराबा दर्ज कर दिया है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Sep 06, 2025, 12:04 IST
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