महेंद्रगढ़: फिर गया मेहनत पर पानी, कपास व बाजरे की फसलें हो गईं तबाह

जिले में इस बार हुई 112 प्रतिशत अधिक बारिश से करीब 50 प्रतिशत कपास व 90 प्रतिशत बाजरे की फसलें बर्बाद होने की आशंका किसानों द्वारा जताई जा रही है। इस बार महेंद्रगढ़ जिले में अनुमानित 50 हजार एकड़ में कपास व करीब तीन लाख एकड़ में बाजरे की फसल है। पिछले दस दिनों से हो रही बारिश से अगेती बाजरे की फसल में जमवार हो गया है जबकि पछेती फसल खेती में बिछने से उसमें भी अंकुरण शुरू हो चुका है। वहीं अगेती कपास के 90 प्रतिशत टिंडे गल चुके हैं। जिले में इस बार बरसाती सीजन में सामान्य से 112 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। एक जून से एक सितंबर तक जिले में इस बार कुल 718 एमएम बारिश हुई है जबकि सामान्य बारिश 338.9 एमएम होती है। सामान्य से अधिक बारिश के मामले में महेंद्रगढ़ जिला प्रदेशभर में पहले पायदान पर है। वहीं अगस्त माह के दौरान कुल 198 एमएम बारिश दर्ज की गई जो सामान्य से 44 प्रतिशत अधिक है। किसानों का कहना है कि अब प्रदेश सरकार की ओर से क्षतिपूर्ति पोर्टल भी नहीं खोला गया है जिसके कारण किसानों में रोष है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की ओर से भेजी गई रिपोर्ट में करीब 77 हजार एकड़ में ही नुकसान की रिपोर्ट बनाकर प्रदेश सरकार को भेजी गई है। वहीं मौसम विभाग की ओर से अभी चार सितंबर तक हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई जा रही है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Sep 02, 2025, 18:48 IST
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