Hamirpur: मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ हमीरपुर में प्रदर्शन, सैकड़ों मजदूरों ने इकट्ठे होकर निकाली विरोध रैली
सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ बुधवार को सीटू के बैनर तले सैकड़ों मजदूरों ने हमीरपुर में प्रदर्शन किया। तहसील कार्यालय के सामने से रैली गांधी चौक हमीरपुर तक निकाली गई। तहसील कार्यालय के सामने सीटू के नेताओं ने मजदूरों को संबोधित किया। केंद्र सरकार की तरफ से लागू किए गए चार श्रम कानून का विरोध जताया गया। सीटू जिला कमेटी ने मजदूरों की 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और किसानों के संयुक्त मंच के अखिल भारतीय आह्वान पर हमीरपुर में मोदी सरकार द्वारा नए लेबर कोड जारी करने के विरोध में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया। इन लेबर कोड को निरस्त करने के लिए आंदोलन का आगाज किया। सीटू के राष्ट्रीय सचिव डॉ. कश्मीर सिंह ठाकुर ने सभा को संबोधित किया और इन लेबर कोड के बारे में मजदूरों को और जनता को जागरूक किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 29 सेंट्रल लेबर कानूनों को रद्द कर दिया है, जिनके लिए ब्रिटिश राज से आज़ाद भारत में लड़ाई लड़ी गई थी और उन्हें सिर्फ़ 4 कानूनों में बदल दिया है। यह लेबर रिफॉर्म के नाम पर कॉर्पोरेट कंपनियों की सेवा करने का काम है। इसके साथ ही प्रदेश सरकार द्वारा बिजली मित्र, वन मित्र, पशु मित्र, श्रमिक मित्र तथा मल्टी टास्क वर्कर, ट्रेनिआदि की भर्ती की जा रही है। इन पदों पर रखे जाने वाले युवाओं को मात्र 5000 से लेकर ₹10000 तक का मासिक वेतन दिया जा रहा है। यह सरकार की युवाओं आम जनता विरोधी नीति है जिसका सीटू ने विरोध किया है। सीटू के जिला सचिव जोगिंदर कुमार ने बताया कि केंद्र सरकार की तरफ से चार नए श्रम कानून लागू कर दिए गए हैं। इन श्रम कानून के विरोध में हमीरपुर में यह प्रदर्शन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने मनरेगा के बजट में कटौती की है जिस कारण मजदूरों को कम नहीं मिल रहा और जहां काम मिलता है वहां पर पूरी दिहाड़ी नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रदर्शन पूरे देश में किया जा रहे हैं। मजदूरों के हकों के लिए यह प्रदर्शन होते रहेंगे।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Nov 26, 2025, 12:04 IST
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