हिसार के गांव सरसौद पहुंचा राजली का पानी, जेसीबी से उखाड़ना पड़ा हिसार चंडीगढ़ हाइवे
गांव राजली में भरा बारिश का पानी अब गांव सरसौद पहुंच गया है। ग्रामीणों ने गांव को बचाने के लिए हिसार चंडीगढ़ नेशनल हाइवे काे उखाड़ दिया है। सरसौद गांव में हाइवे को जेसीबी मशीन की मदद से खोद कर पानी निकासी का रास्ता बनाया गया है। जिसके जरिए पानी की निकासी का प्रयास किया जा रहा है। हाइवे पर करीब एक किलोमीटर एरिया में पानी भरा हुआ है। हिसार के नारनौंद क्षेत्र में मकान की छत गिरने से मलबे के नीचे दबकर महिला की मौत हो गई। दो बच्चे घायल हुए हैं। ड्रेन व माइनर टूटने का सिलसिला थम नहीं रहा है। मंगलवार सुबह से ही जिले में बारिश हो रही है। मंगलवार को गांव भगाना में माइनर ओवरफ्लो हो गई।हांसी- बरवाला रोड पर गांव चानौत के पास एक ट्राला सड़क किनारे पलट गया। जिससे यातायात बाधित हो गया। गांव बुगाना में मकान की छत गिर गई। मकान की हालत देखते हुए परिवार न उसे पहले ही खाली कर दिया था। सोमवार को जिले में ओवरफ्लो ड्रेन 5 स्थानों पर टूट जाने से तीन हजार एकड़ से अधिक फसलों में जलभराव हो गया। हांसी- बरवाला नेशनल हाइवे पर गांव चानौत में रोड पर जलभराव होने के बाद एनएच पर आवागमन बंद हो गया है। बारिश का पानी खेतों के बाद हाइवे पर आ गया है। हाइवे पर करीब 1 किलोमीटर एरिया में दो से तीन फीट तक जलभराव है। जिसके चलते हांसी से बरवाला जाने के लिए वाहन चालकों को दूसरे वैकल्पिक मार्गाें पर डायवर्ट किया जा रहा है। वाहन चालक हांसी से डाटा-मसूदपुर होते हुए बरवाला पहुंच रहे हैं। रविवार रात से सोमवार दोपहर तक जिले में 5 स्थानों पर ड्रेन ओवरफ्लो होकर टूटी। जिसमें शाहपुर, मात्रश्याम, घिराय ड्रेन टूटने से सैंकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हो गई है। बारिश के कारण ओवरफ्लो चल रही घग्घर ड्रेन पिछले दस दिन से हिसार जिले में लगातार तबाही मचा रही है।राजली गांव में पिछले दो दिन में 5 मकान गिर चुके हैं। गांव ढंढेरी में 7 मकान गिर चुके हैं। गांव धांसू में जमीन में 12 से 13 फीट गहरा गड्ढा बन गया है।शाहपुर ड्रेन के टूटने के बाद डीसी सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ निरीक्षण करने पहुंचे। डीसी ने गंगवा, शाहपुर, न्योली कलां, मात्रश्याम में मौके का मुआयना करते हुए खेतों और रिहायशी इलाकों से जल्द से जल्द जल निकासी के निर्देश दिए। सिंचाई विभाग के अधिकारियों को घग्घर ड्रेन सहित ऐसी सभी ट्रेन के तटबंधों की निगरानी के निर्देश दिए गए, जिनमें क्षमता से अधिक पानी बह रहा है। जेसीबी व पोकलेन मशीनें, मिट्टी के कट्टे, लोहे की चद्दर, बल्लियां, बीटी पंप, जनरेटर इत्यादी की पर्याप्त संख्या में व्यवस्था रखी जाए ताकि जरूरत पड़ने पर इसका प्रयोग में लाया जा सके। इसके अलावा विभागीय श्रमिकों के साथ-साथ मनरेगा श्रमिकों को भी जरूरत पड़ने पर तुरंत बुलाया जाए। डीसी अनीश यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जहां भी जलभराव की स्थिति गंभीर है, वहां अतिरिक्त पंपिंग सेट लगाकर तत्काल प्रभाव से पानी की निकासी सुनिश्चित की जाए। जल निकासी के कार्य में किसी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए । सभी विभाग आपसी समन्वय से कार्य करें। अधिकारियों को प्रतिदिन कार्य की प्रगति की रिपोर्ट जिला मुख्यालय को भेजनी होगी। जलभराव की समस्या के स्थायी समाधान के लिए मध्यम व लंबी अवधि की योजनाएं तैयार कर मुख्यालय स्वीकृति के लिए भेजें
- Source: www.amarujala.com
- Published: Sep 02, 2025, 12:36 IST
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