रायबरेली में खाद के लिए किसान बहा रहे पसीना, कई समितियों में नहीं है यूरिया

यूपी के रायबरेली में परशदेपुर क्षेत्र में धान की रोपाई के समय डीएपी की किल्लत और अब छिड़काव के लिए यूरिया खाद की किल्लत किसानों को परेशान कर रही है। किसान यूरिया खाद के लिए भटक रहे हैं। निजी दुकानों पर यूरिया के साथ सल्फर जिंक लगाकर महंगे दामों पर बेची जा रही है। इससे पहले शुक्रवार को साधन सहकारी समिति पर यूरिया खाद वितरण की सूचना मिलते ही किसानों की लंबी-लंबी कतारें लग गईं। यूरिया खाद लेने के लिए किसान सुबह से समिति पर डटे रहे। महिलाएं भी घर छोड़कर लाइन में लगी रहीं। खाद लेने समिति पहुंचे दुबे का पुरवा गांव निवासी राजाराम ने बताया कि वह सुबह 10 बजे से लाइन में लगे रहे। लगभग दो घंटे बाद नंबर आया। दो बोरी यूरिया मिली। राजाराम ने बताया कि 270 रुपये की एक बोरी यूरिया खाद दी जा रही है। इसमें 266.50 रुपये अंकित है। इसके अलावा आशा रसीदपुर गांव निवासी शिवशब्द तिवारी ने बताया कि दो बोरी यूरिया खाद के लिए 540 रुपये लिए गए। साधन सहकारी समिति पदमनपुर बिजौली के सचिव संजय तिवारी ने बताया कि 500 बोरी यूरिया की रैक आई है। सभी किसानों को टोकन के हिसाब से खाद दी जा रही है। वहीं महंगे दाम पर यूरिया देने की बात पर कहा कि 266.50 रुपये की एक बोरी यूरिया है। किसी के पास फुटकर पैसे नहीं होंगे तो 270 रुपये दिए होंगे। बाकी निर्धारित दर से ही पैसे लिए जा रहे हैं। परशदेपुर क्षेत्र के साधन सहकारी समिति संसारी, अहोरारामपुर, साधन सहकारी समिति, बारा प्रथम व सहकारी संघ, परशदेपुर में यूरिया नहीं है। इससे किसान समिति पर पहुंचने के बाद मायूस होकर उन्हें बैरंग वापस लौटना पड़ता है। सचिव विश्वनाथ तिवारी ने बताया कि पांच-पांच सौ बोरी यूरिया की डिमांड भेजी गई है। शाम तक रैक आ जाएगी। इसके बाद किसानों में वितरित की जाएगी।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Aug 23, 2025, 14:15 IST
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