Una: कुदरत की मार से अभी जख्म भरे नहीं, अब जंगली जानवरों का कहर
उपमंडल बंगाणा क्षेत्र में अगस्त माह में हो रही लगातार भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। खेतों में पानी भर गया है। मकानों को काफी नुकसान पहुंचा है। किसानों की आखिरी उम्मीद फसल हुआ करती है उस पर पहले कुदरत की मार पड़ी और अब जब फसल अपनी चरम सीमा की तरफ बढ़ रही है तो अब जंगली जानवरों ने अपना कहर दिखाना शुरू कर दिया है। मक्की के खेतों में दिन में बंदरों तथा रात को जंगली सुअरों और नील गाए के कहर ने मक्की के खेतों को उजाड़ना शुरू कर दिया गया है। उपमंडल बंगाणा क्षेत्र के कृषि विषयवाद विशेषज्ञ डॉ. सतपाल धीमान का कहना है कि क्षेत्र में फसल पर कुदरत की मार पड़ी है। अब जंगली जानवरों ने नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया है। वहीं पर जंगली जानवरों से मक्की की फसल को सुरक्षित रखने के किसानों को खेतों में फोर्ट नामक दवाई का छिड़काव और पुड़िया बांधनी चाहिए जिसकी बदबू से जानवर फसल को बहुत कम नुकसान पहुंचाते हैं।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Aug 24, 2025, 11:44 IST
Una: कुदरत की मार से अभी जख्म भरे नहीं, अब जंगली जानवरों का कहर #SubahSamachar