VIDEO : कैथल में की अनाज मंडी में पहुंची गेहूं की फसल, नमी अधिक होने पर नहीं हुई खरीद

कैथल में सरकारी खरीद प्रक्रिया शुरू होने के बाद शनिवार को गेहूं की फसल अनाज मंडी में पहुंच गई। इस दौरान शहर की नई अनाज मंडी में गेहूं की फसल पहुंची, लेकिन नमी अधिक होने पर खरीद नहीं हुई। इस दौरान मंडी में पहुंची गेहूं की फसल में 17 प्रतिशत तक की नमी रही। इस कारण ही इसकी सरकारी खरीद शुरू नहीं हो पाई है। गौरतलब है कि पिछले चार दिन से अनाज मंडियों में गेहूं की फसल नहीं पहुंची थी। सरकार के आदेशों के तहत एक अप्रैल से गेहूं खरीद का कार्य निर्धारित किया गया था। वहीं, खेतों में हाथ से कटाई दो दिन पहले ही शुरू हो चुकी है। इस बार सरकार ने 2425 रुपये दाम निर्धारित किया है। अब गेहूं की आवक होने के बाद अगले दो से तीन दिन तक गेहूं की खरीद होने की संभावना है। वहीं, अभी तक गेहूं की खरीद न होने का सबसे बड़ा कारण मंडी में लाए जा रहे अनाज में नमी की मात्रा अधिक होना है। जिले में गेहूं की खरीद के लिए पांच मंडियां व 39 खरीद केंद्र बनाए गए हैं। इन केंद्रों पर गेहूं खरीद का कार्य वेयर हाउस, हैफेड व खाद्य एवं आपूर्ति एजेंसियां करेंगी। इनके लिए अलग-अलग दिन भी निर्धारित किए गए हैं। 17 लाख क्विंटल गेहूं की खरीद का अनुमान जिले में पिछले वर्ष 17 लाख क्विंटल गेहूं की खरीद विभिन्न मंडियों और खरीद केंद्रों पर हुई थी। इस बार भी अधिकारियों ने इतनी ही खरीद की संभावना जताई है। कैथल में हरियाणा वेयर हाउस, हैफेड और फूड एंड सप्लाई तीन एजेंसियां गेहूं की खरीद का कार्य करेंगी। इसके लिए कैथल शहर की नई, पुरानी और अतिरिक्त अनाज मंडी के अलावा पांच खरीद केंद्र भी बनाए गए हैं। ये केंद्र गांव बाबा लदाना, पाडला, गुहना, क्योड़क व फर्श माजरा में बनाए गए हैं। मार्केट कमेटी कैथल के सचिव नरेंद्र ढुल ने बताया कि किसानों, मजदूरों और आढ़तियों के लिए मंडी में पर्याप्त व्यवस्था की गई है। बिजली, पानी, शौचालय, साफ-सफाई, सीवरेज और अन्य सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। मंडी में अटल कैंटीन शुरू की गई है, जहां किसानों और मजदूरों को उचित दामों पर भोजन उपलब्ध कराया गया है। किसान अपनी फसल को सुखाकर ही लाएं नई अनाज मंडी एसोसिएशन के प्रधान कृष्ण कुमार ने किसानों से अपील की कि वे अपनी फसल को पूरी तरह से सुखाकर ही मंडी में लाएं, ताकि उन्हें बिक्री के लिए इंतजार न करना पड़े। अगर फसल में नमी की मात्रा अधिक होगी तो उसे मंडी में लाकर सुखाना पड़ेगा, जिससे उसे बेचने में समय लगेगा। इसके साथ ही अन्य किसानों को भी अपनी फसल रखने के लिए जगह की समस्या आएगी। उन्होंने कहा कि अगर फसल सूखकर आती है तो उसे तुरंत बेचकर उठा लिया जाएगा।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Apr 05, 2025, 13:40 IST
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