Fact Check: झूठा है वाराणसी में 50 बच्चों के एक पिता होने का दावा, पड़ताल में पढ़ें पूरा सच
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में चुनाव आयोग पर चोरी का आरोप लगाया। राहुल गांधी का दावा है कि एक ही व्यक्ति केकई पहचान पत्र मौजूद हैं। इसबीच सोशल मीडिया पर एक मतदाता सूची की तस्वीर वायरल हो रही है। तस्वीर को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि वाराणसी में एक व्यक्ति 50 बच्चों के पिता हैं। उनका सबसे छोटा बेटा 28 साल का है। वहीं सबसे बड़ा बेटा 72 साल का है। अमर उजाला ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को गलत पाया है। हमने पाया कि वायरल पोस्ट में नजर आ रहे नाम राम कमल दास वेदांती महाराज के हैं। मठ के ब्रहाचारी शिष्य अपने गुरु को ही पिता मानते हैं। और वही लिखते हैं। क्या है दावा सोशल मीडिया पर एक मतदाता सूची की तस्वीर शेयर कर दावा किया जा रहा है कि वाराणसी में एक व्यक्ति के 50 बच्चे हैं । उनकासबसे छोटा बेटा 28 साल का है। वहीं सबसे बड़ा बेटा 72 साल का है।प्रकाश राज स्टायर (@PrakashRofl) नाम के एक्स यूजर ने लिखा वाराणसी की वोटर लिस्ट में कमाल का खेल राजकमल दास के 50 "बेटे" सबसे छोटा 28 साल का, सबसे बड़ा 72 साल का! ये चमत्कार सिर्फ़ भगवान नहीं, भाजपा और चुनाव आयोग की मिलीभगत से ही संभव है.." पोस्ट का लिंक आप यहां और आर्काइव लिंक यहां देख सकते हैं। इसी तरह के कई अन्य दावों के लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं। इनके आर्काइव लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं। पड़ताल हमने दावे की पड़ताल करने के लिए कीवर्ड से सर्च किया। इस दौरान हमें सीईओ यूपी की एक पोस्ट मिली। यह पोस्ट 12 मार्च 2025 को साझा की गई है। पोस्ट में बताया गया है कि पिछले 2-3 दिनों से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। आरोप लगाया जा रहा है कि मतदाता सूची में राजकमल दास और उनके 43 बेटों के नाम शामिल हैं। तस्वीर में दिखाई गई मतदाता सूची शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में इस्तेमाल की जाने वाली मतदाता सूची है। इसका अंदाजा मतदाता सूची पर दिखाई देने वाले वॉटरमार्क और तस्वीर के ऊपर बाईं ओर मतदान केंद्र के आंशिक नाम से लगाया जा सकता है। शहरी स्थानीय निकाय चुनावों के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मतदाता सूची भारत के चुनाव आयोग द्वारा तैयार नहीं की जाती है। विधानसभा और लोकसभा चुनावों में इस्तेमाल की जाने वाली मतदाता सूची भारत के चुनाव आयोग द्वारा तैयार की जाती है और यह एक अलग मतदाता सूची है। यह भी ध्यान देने योग्य है कि किसी धार्मिक मठ/आश्रम में रहने वाले व्यक्तियों/संन्यासियों की पहचान उनके पिता के बजाय उनके गुरु के नाम से की जाती है। यह संभव है कि आश्रम में रहने वाले कई संन्यासी एक ही उम्र के हों। इसके बाद हमने आगे की पड़ताल के लिए अमर उजाला के न्यूज डेस्क से संपर्क किया। इस दौरान हमें एक रिपोर्ट मिली। यह रिपोर्ट 4 मई 2023 को प्रकाशित की गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि वाराणसी में एक पिता के 48 बच्चेवाराणसी में वार्ड नंबर-51 भेलूपुर के कश्मीरीगंज मुहल्ले के 51 मतदाताओं के नाम के आगे पिता के तौर पर सिर्फ एक ही नाम और एक ही मकान नंबर दर्ज था। राम कमल दास वेदांती महाराज खोजवां स्थित राम मंदिर में गुरु दीक्षा देते हैं। मौजूदा समय में वह अमेरिका में हैं। राम कमल दास वेदांती महाराज के प्रतिनिधि के अनुसार, मतदाता सूची में जो भी नाम हैं, वह वेदांती महाराज के शिष्यों के हैं। मठ के ब्रह्मचारी शिष्य अपने गुरु को पिता मानते हैं और वही लिखते भी हैं। पड़ताल का नतीजा हमने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को गलत पाया है। हमने पाया कि राम कमल दास वेदांती महाराज के हैं। मठ के ब्रहाचारी शिष्य अपने गुरु को ही पिता मानते हैं। और वही लिखते हैं।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Aug 14, 2025, 17:22 IST
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