Manmohan singh: आरबीआई के गवर्नर रहते हुए जब रिक्शे से घर गए डॉ. मनमोहन सिंह, विनोद गुप्ता ने साझा किया किस्सा

सरल स्वभाव, सादा जीवन और उच्च विचार पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की एक अपनी पहचान है। मनमोहन सिंह चंडीगढ़ स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर रहते हुए अपने स्टूडेंट्स के लिए अच्छे गुरू और साथियों के लिए बेहतरीन सहयोगियों भी थे। पीयू में डॉ. मनमोहन सिंह के साथ जुड़े लम्हे उनके ही पूर्व छात्र व विभाग में सहयोगी सेवानिवृत्त प्रोफेसर विनोद गुप्ता ने अमर उजाला के साथ साझा किया। मूलत: अंबाला के गांव बिहटा निवासी डॉ. वीके गुप्ता ने डॉ. मनमोहन सिंह से एमए अर्थशास्त्र की पढ़ाई करने के बाद उसी अर्थशास्त्र विभाग में एक साल तक लेक्चरर के पद पर उनके सहयोगी भी रहे थे। अभी वह पंचकूला एमडीसी में रहते है। साल 1992-63 में पीयू के अर्थशास्त्र विभाग में एमए की पढ़ाई करते मनमोहन सिंह हमारे प्रोफेसर थे। वह अपने स्टूडेंट्स लिए हमेशा उपलब्ध रहते थे। उनके ही निर्देशन में साल 1995 में अर्थशास्त्र विभाग में लेक्चरर के पद पर कार्यरत हुआ। यह हमारे प्रोफेसर व मार्गदर्शक मनमोहन सिंह के मार्गदर्शन का नतीजा था। साल 1966 में मनमोहन सिंह संयुक्त राष्ट्र के लिए काम करने चले गए थे। चुप रहकर सबकुछ कह जाते मनमोहन सिंह डॉ. मनमोहन सिंह के बारे में अर्थशास्त्र विभाग समेत पीयू में विख्यात था कि उन्हें झूठ से सख्त नफरत था। जबकि सच बोलने पर बड़ी से बड़ी गलती भी माफ कर देते थे। एक बार पीयू स्कॉलर रहते हुए मैंने कुछ माह तक काम नहीं किया था। इसी दौरान मनमोहन सिंह ने पूछ लिया कि तीन माह में क्या किए, जिस पर मैंने सच बोलते हुए कहा कि सर तीन माह में कुछ भी काम नहीं कर सका हूं। इस पर वो जोर से मुस्कुराएं और चले गए मगर इशारे-इशारे में कह गए कि तीन माह बेकार कर दिए, आगे काम करना पड़ेगा। पद्दोन्नति नहीं होने से परेशान होने पर बुलाया दिल्ली पीयू में सात-आठ वर्षों तक नौकरी करने के बावजूद पद्दोन्नति नहीं हुई। मैंने परेशान होकर मनमोहन सिंह को चिठ्ठी लिखी। उन्होंने मुझे तत्काल दिल्ली बुला लिया और वहां पहुंचने पर आगे की पढ़ाई जारी रखने के बारे में गाइड किया। इसके बाद मैंने कनाडा जाकर टोरंटो से पीएचडी की। पीयू से अर्थशास्त्र विभाग से वरिष्ठ प्रोफेसर सेवानिवृत्त हुए थे। जब गवर्नर रहते खुद साफ करने लगे टेबल डॉ. वीके गुप्ता की पत्नी प्रेम लता गुप्ता ने बताया कि डॉ. गुप्ता और मनमोहन सिंह का जन्मदिन एक ही दिन है, उनकी भी तीन बेटियां और हमारी भी तीन बेटियां हैं। वह परिवार के साथ पीयू के ई-ब्लॉक स्थित सरकारी मकान में रहती थी, जबकि मनमोहन सिंह परिवार के साथ पीयू के एफ-ब्लॉक में रहते थे। डॉ. गुप्ता के मनमोहन सिंह के छात्र और सहयोगी दोनों रहने के कारण उनके चहेते थे। दोनों परिवार की अच्छी जान पहचान थी। एक बार आरबीआई के गवर्नर रहते हुए मनमोहन सिंह उनके आवास पर आए। वहां टेबल पर नीबू पानी का ग्लास मनमोहन सिंह के हाथ से लगकर गिर गया। जैसे ही किचन से कपड़ा लेकर साफ करने पहुंची कि मनमोहन सिंह ने अपनी जेब से रूमाल निकालकर टेबल साफ कर चुके थे। इस पर आपत्ति जताने पर वह बोले कि पानी कालीन में फैल जाता तो उसे सुखाना मुश्किल होगा। 15 मिनट इंतजार फिर मिले और रिक्शा पर घर गए प्रेम लता गुप्ता ने बताया कि जब आरबीआई के गवर्नर रहते मनमोहन सिंह उनके घर पर आए तो डॉ. गुप्ता दूसरी मंजिल पर मेडिटेशन कर रहे थे। मैंने मनमोहन सिंह द्वारा डॉ. गुप्ता के बारे में पूछने पर बताया कि वह मेडिटेशन में कर रहे है, मुझे बुलाने का अनुमति भी नहीं दी। इस दौरान मनमोहन सिंह करीब 15 मिनट तक इंतजार करके डॉ. गुप्ता से मुलाकात की। वापसी के समय डॉ. गुप्ता द्वारा अपने स्कूटर से छोड़ने के ऑफर पर बोले कि रिक्शे पर आया हूं, उसी से वापस चला जाऊंगा। सड़क पर पहुंचकर रिक्शा पकड़ निकल गए। मनमोहन सिंह की चंडीगढ़ सेक्टर-11 में कोठी भी है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Dec 28, 2024, 10:11 IST
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