कुदरत ने तोतों पर बरपाया कहर तो इंसानों ने दिखाई इंसानियत और...

बामौर के पास के गांव सिंगार में तालाब माता मंदिर का पीपल वृक्ष महीनों से हजारों तोतों का बसेरा बना हुआ था। सूर्य अस्त होते ही तोतों के झुंड इस पेड़ पर अपना डेरा डाल लेते हैं। रोजाना की तरह बुधवार की शाम को तोतों के झुंड पेड़ की शाखाओं पर रात बिताने के लिए आ गये थे। इसी बीच रात तकरीबन बारह बजे आई आंधी और बारिश से सैकड़ों तोतों की जान चली गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार पीपल के पेड़ के इर्द-गिर्द लगभग 50 मीटर के क्षेत्र में सिर्फ तोते ही पड़े हुए थे। जमीन तक नजर नहीं आ रही थी। सूचना मिलते ही क्षेत्रीय वन अधिकारी अवधेश प्रताप सिंह बुंदेला के नेतृत्व में एक टीम मौके पर पहुंची, जो घायल तोतों को इलाज के लिए अपने साथ ले गई। दर्जनों जख्मी तोतों को बामौर और सिंगार निवासी पक्षी प्रेमी उठा ले गए। उन्होंने घायल तोतों का इलाज कर उन्हें पाल लिया। जबकि, मृत तोतों को ग्राम प्रधान सिंगार कुलदीप सिंह पटेल के सहयोग से दफनाया गया। वन विभाग की टीम में कमलेश, केशव आदि उपस्थित रहे।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: May 24, 2025, 01:12 IST
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