Amroha News: प्रशासन ने नहीं ली सुध तो ग्रामीणों ने खुद बना ली पुलिया
मंडी धनौरा। करीब एक माह से गंगा में आई बाढ़ की वजह से दुश्वारियां झेल रहे क्षेत्र के ग्रामीण जनप्रतिनिधियों और सरकारी मशीनरी की अनदेखी से नाराज हैं। गांव मोहसनपुर से सीपीया फार्म जाने वाले मार्ग पर बनी पुलिया बाढ़ के पानी में बह गई थी। ग्रामीणों के मुताबिक कई बार शिकायत के बाद भी प्रशासन ने सुध नहीं ली। बुधवार को लोग खुद ही मिट्टी डालकर पुलिया बनाते नजर आए। पहाड़ाें पर हो रही भारी बारिश की वजह से खादर क्षेत्र के 12 से अधिक गांवों में बाढ़ की स्थिति है। बीते एक महीने से खादर क्षेत्र के लोग बाढ़ की विभीषका का सामना कर रहे हैं। गांव मोहसनपुर उर्फ देवीपुरा से सीपीया को जाने वाले मार्ग पर स्थिति पुलिया करीब 20 दिन पहले बाढ़ के पानी में बह गई थी। पुलिया टूटने से ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ा। गांव निवासी गोविंद सिंह ने बताया कि इस संबंध में जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया गया लेकिन किसी ने उनकी सुध तक नहीं ली।समरपाल सिंह ने बताया कि पुलिया टूटने से उनको पशुओं के लिए चारा लाने में भारी परेशानी हुई। प़ुलिया के दोनों ओर छह फीट से अधिक पानी था। ग्राम प्रधान हरिश्चंद ने बताया कि प्रशासन से नाव दिलाने की मांग की गई थी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। मोहसनपुर, सीपीया फार्म व रसूलपुर भांवर के लोगों ने आपस में मिलकर पुलिया का निर्माण कर लिया। ग्रामीणों ने आपस में चंदा कर बालू, सीमेंट व लकड़ी के लंबे गठ्ठों का इंतजाम किया। बुधवार को ग्रामीणों ने श्रमदान कर आवागमन लायक अस्थाई पुल बना लिया। हालांकि जिस स्थान पर अस्थाई पुल बनाया गया है। उसके नीचे करीब छह फीट पानी है।बिजनौर बैराज से छोड़ा गया 143514 क्यूसेक पानीगजरौला। बिजनौर बैराज से बुधवार को गंगा में 143514 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। हालांकि, गंगा का जलस्तर में दस सेंटीमीटर की कमी दर्ज की गई। तिगरी में जलस्तर 200.80 से घटकर 200.70 मीटर पर पहुंच गया जो खतरे के निशान 202 मीटर से 1.30 मीटर दूर है। बाढ़ खंड विभाग के जेई सुभाष चंद गहलौत ने बताया कि बिजनौर बैराज से 143514 क्यूसेक पानी छोड़ा जाने के बावजूद तिगरी में गंगा का जलस्तर कम हुआ है। दस सेंटीमीटर पानी कम हो जाने के कारण टापू व खादर के ग्रामीणों ने राहत महसूस की है। हालांकि, दारानगर, टीकों वाली, शीशों वाली, भुड्डी वाली आदि गांवों के लोगों की परेशानी बरकरार है। खेतों में पानी भरा होने से लोगों को दिक्कत हो रही है। गांवों को जोड़ने वाली कटी सड़कों और बाढ़ में बहे रास्ते के कारण उनको अभी दुश्वारियों का सामना करना पड़ेगा। संवाद
- Source: www.amarujala.com
- Published: Aug 28, 2025, 02:41 IST
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