जब बेटियों का बरसों का संघर्ष बड़ी खूबसूरती से टकराया और इसके साक्षी बने सचिन, मिताली, झूलन और रोहित!

यह क्षण भारत का है। नहीं। फिर से पढ़ते हैं। यह क्षण असल में भारत की बेटियों का है। अंग्रेज़ी में एक कहावत है- डेस्टिनी इज़ ए स्टबर्न थिंग। नियति बड़ी जिद्दी चीज होती है। इसे बदलने के लिए भी जिद चाहिए होती है। रविवार को नवी मुंबई में जब भारतीय महिला क्रिकेट ने विश्व कप जीतकर इतिहास रच दिया तो अपनी जिद से नियति को बदल दिया। जो देश लंबे वक्त तक महिलाओं-बेटियों को सहानुभूति का विषय मानता रहा, उन्हीं बेटियों ने गर्व की कभी न भूली जाने वाली अनुभूति का मौका दे दिया। जैसे बरसों का संघर्ष खूबसूरती से टकराया। जैसे बेटियों ने एवरेस्ट ही उठा लिया।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 03, 2025, 14:38 IST
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