US: व्हाइट हाउस ने कोलंबिया विश्वविद्यालय पर डाला दबाव, कहा- फलस्तीन समर्थकों की पहचान उजागर नहीं कर रहा

व्हाइट हाउस ने मंगलवार को कहा कि कोलंबिया विश्वविद्यालय संघीय एजेंटों को उन लोगों की पहचान करने में मदद नहीं कर रहा है, जो फलस्तीन के समर्थन में प्रदर्शनों में शामिल हुए हैं। प्रशासन ने स्कूल को दंडित करने के लिए संघीय अनुसंधान फंडिंग में कटौती करना जारी रखा है। आव्रजन प्रवर्तन एजेंटों ने शनिवार को महमूद खलील नामक एक फलस्तीनी कार्यकर्ता को गिरफ्तार किया है। वह एक वैध अमेरिकी निवासी है और पिछले साल कोलंबिया में प्रदर्शनों में एक प्रमुख भूमिका निभाई थी। अब उसे निर्वासन का सामना करना पड़ा रहा है। प्रदर्शनकारियों की पहचान के लिए खुफिया जानकारी जुटा रहे व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने इस संबंध में वाशिंगटन में प्रेस ब्रीफिंग की। लेविट ने कहा कि संघीय अधिकारी इस्राइल की आलोचना करने वाले प्रदर्शनों में शामिल लोगों की पहचान करने के लिए खुफिया जानकारी का उपयोग कर रहे हैं। ट्रंप प्रशासन ऐसे लोगों को यहूदी विरोधी और 'हमास समर्थक' मानता है। मदद करने से इनकार कर रहा कोलंबिया विश्वविद्यालय: लेविट लेविट ने कहा कि कोलंबिया विश्वविद्यालय को प्रदर्शनों में शामिल लोगों की पहचान के लिए नाम दिए गए थे। हालांकि, वह 'कैंपस में उन व्यक्तियों की पहचान करने' के लिए होमलैंड सुरक्षा विभाग की मदद करने से इनकार कर रहा है। लेविट ने कहा, 'जैसा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने बयान में बहुत दृढ़ता से कहा था, वह इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।' कोलंबिया के प्रवक्ता ने टिप्पणी के लिए भेजे गए संदेश का तुरंत जवाब नहीं दिया। विश्वविद्यालय पर यहूदी विरोधी भावना को रोकने में असफल रहने का आरोप ट्रंप प्रशासन ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी कि कोलंबिया विश्वविद्यालय से 400 मिलियन डॉलर के अनुदान और अनुबंध वापस ले लिए हैं, यह आरोप लगाते हुए कि विश्वविद्यालय परिसर में यहूदी विरोधी भावना को रोकने में असफल रहा है। इन कटौतियों में नेशल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ ने सोमवार देर रात 250 मिलियन डॉलर से अधिक के वित्तपोषण में कटौती की। पिछले साल छात्रों ने बड़े पैमाने पर किया विरोध प्रदर्शन बता दें कि पिछले साल छात्रों ने गाजा में इस्राइली सैन्य कार्रवाई को समाप्त करने और फलस्तीनियों के मानवाधिकारों को मान्यता देने के लिए बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किए थे, जिससे विश्वविद्यालय में हड़कंप मच गया था। विश्वविद्यालय को बाद में प्रदर्शनों को खत्म करने के लिए पुलिस का सहारा लेना पड़ा। प्रदर्शनकारियों का प्रवक्ता था खलील 30 वर्षीय खलील प्रदर्शनकारियों का प्रवक्ता था। उस पर किसी भी अपराध का आरोप नहीं लगाया गया। हालांकि, कैरोलिन लेविट ने कहा कि हालात की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने खलील के खिलाफ आव्रजन और राष्ट्रीयता अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है। सरकार अवैध तरीके से आव्रजन शक्तियों का इस्तेमाल कर रही : वकील वहीं, सिविल राइट्स समूहों और खलील के वकीलों का कहना है कि सरकार उसे बोलने से रोकने के लिए अवैध तरीके से अपनी आव्रजन शक्तियों का इस्तेमाल कर रही है। एक संघीय न्यायाधीश ने सुनवाई तय की है और सरकार को खलील को निर्वासित करने से रोकने का आदेश दिया है। खलील की गिरफ्तारी केवल शुरुआत ट्रंप ने सुझाव दिया है कि कुछ प्रदर्शनकारी हमास का समर्थन करते हैं, जो एक फलस्तीनी आतंकवादी समूह है। उन्होंने कहा कि खलील की गिरफ्तारी केवल शुरुआत है और अन्य छात्रों को भी निर्वासित करने का इरादा है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Mar 12, 2025, 05:32 IST
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