Hussein Al-Sheikh: कौन हैं फलस्तीन के नए उपराष्ट्रपति हुसैन अल शेख? उत्तराधिकारी की नियुक्ति भी पहली बार की गई

फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने हुसैन अल शेख को उपराष्ट्रपति बनाया है। यह पहली बार है जब फलस्तीनी राष्ट्रपति ने अपने उत्तराधिकारी की नियुक्ति की है। इससे पहले राष्ट्रपति अब्बास उत्तराधिकारी की नियुक्ति का विरोध करते रहे हैं। फलस्तीन मुक्ति संगठन (पीएलओ) की बैठक में राष्ट्रपति अब्बास ने उपराष्ट्रपति पद के लिए हुसैन अल शेख के नाम को मंजूरी दी है। बैठक में सर्व सम्मति से हुसैन अल शेख के नाम पर मुहर लगाई गई। आइए जानते हैं कौन हैं नए उपराष्ट्रपति हुसैन अल शेख और उनकी नियुक्ति से फलस्तीन को क्या फायदा है पीएलओ के वरिष्ठ नेता हैं शेख हुसैन अल शेख फलस्तीन मुक्ति संगठन (पीएलओ) के वरिष्ठ नेता हैं। 1960 में जन्मे शेख ने फलस्तीनियों के अधिकारों के लिए काफी काम किया है। उनको काफी व्यावहारिक माना जाता है। इसके अलावा उनके इस्राइल के साथ काफी करीबी संबंध रहे हैं। इसके अलावा शेख 1978-89 के बीच इस्राइल के कब्जे का विरोध करने पर जेल भी जा चुके हैं। उन्होंने इस्राइल सरकार के साथ संपर्क बनाने के लिए फलस्तीनी प्राधिकरण (पीए) के दूत के रूप में भी काम किया है। इसके साथ जब भी वैश्विक नेता फलस्तीनी राष्ट्रपति से मिले हैं तो हुसैन अल शेख उनके दूत रहे हैं। उनकी नियुक्ति के बाद यह माना जा रहा है कि अंतराष्ट्रीय स्तर पर फलस्तीन नेतृत्व का विश्वास बढ़ेगा। ये भी पढ़ें:मुजफ्फराबाद में बाढ़ का खतरा; पाकिस्तान ने भारत पर बिना सूचना पानी छोड़ने का मढ़ा आरोप अपने हथियार फलस्तीन प्राधिकरण को सौंपे हमास: अब्बास फलस्तीन मुक्ति संगठन (पीएलओ) की बुधवार और गुरुवार को बैठक हुई। इसमें राष्ट्रपति अब्बास ने उपराष्ट्रपति पद को मंजूरी दी। बैठक में हमास से आह्वान किया कि वह पूरी तरह से निरस्त हो जाए और अपने हथियार और गाजा में शासन की जिम्मेदारी फलस्तीनी प्राधिकरण (पीए) को सौंप दे। हालांकि भ्रष्टाचार, स्वतंत्र राज्य की दिशा में प्रगति की कमी और पश्चिमी तट पर इस्राइली सैन्य घुसपैठ में वृद्धि ने कई फलस्तीनियों के बीच पीए की लोकप्रियता को कम कर दिया है। ये भी पढ़ें:एफबीआई निदेशक काश पटेल ने की पहलगाम हमले की निंदा, कहा- भारत सरकार को अमेरिका का पूरा समर्थन क्या है पीएलओ, समझिए अब बात अगर पीएलओ की करें तो ये अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त प्रतिनिधि है और पश्चिमी समर्थित फलीस्तीनी प्राधिकरण की देखरेख करता है, जो इस्राइल के कब्जे वाले पश्चिमी तट के आधे से कम हिस्से में सीमित स्वायत्तता का प्रयोग करता है। अब्बास ने इन दोनों संस्थाओं का दो दशकों से नेतृत्व किया है। गौरतलब है कि हमास ने 2007 में अब्बास की सेना से गाजा पर नियंत्रण ले लिया। इसके बाद दोनों के बीच सुलह के प्रयास बार-बार विफल रहे हैं। संबंधित वीडियो

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Apr 27, 2025, 08:31 IST
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