Purnima Devi Barman: जानें कौन हैं डॉ. पूर्णिमा देवी बर्मन, जिन्हें टाइम मैग्जीन ने माना 'वूमन ऑफ द ईयर'

डॉ. पूर्णिमा देवी बर्मन एक भारतीय वन्यजीव जीवविज्ञानी और संरक्षणवादी हैं, जिन्होंने असम में लुप्तप्राय पक्षी ग्रेटर एडजुटेंट स्टॉर्क यानी कि हरगिला के संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनका जन्म असम के कामरूप जिले में हुआ था। उन्होंने गुवाहाटी विश्वविद्यालय से पारिस्थितिकी और वन्यजीव जीव विज्ञान में विशेषज्ञता के साथ जूलॉजी में मास्टर डिग्री प्राप्त की। उनके इसी प्रयास को देखते हुए अब उन्हें TIME की साल 2025 की बेस्ट महिलाओं की सूची में नामित किया गया है। एक किस्से ने बदल दी जिदंगी जानकारी के मुताबिक, असम में जन्मी और पली बढ़ी पूर्णिमा देवी बर्मन को बचपन से ही प्रकृति से गहरा प्रेम था। उनका घर ब्रह्मपुत्र नदी के पास था, ऐसे में बचपन से ही पूर्णिमा को उनकी दादी ने पक्षियों और जैव विविधता के बारे में शिक्षा दी। इसी वजह से वैन्य जीवों से उनका खास लगाव है। उनके बचपन में हुए एक किस्से की वजह से उन्होंने संस्था की स्थापना की। 2007 में उन्होंने अपने घर के पास ही एक देखा कि लोग पेड़ पर लगे हरगिला के घौंसले को नष्ट कर रहे हैं। जब उन्होंने इसकी वजह पूछी तो व्यक्ति ने बताया कि इस पक्षी को बुरा शगुन माना जाता है, जिसे समाज में एक कीट और बीमारी के वाहक के रूप में देखा जाता है। न सिर्फ उस जगह बल्कि पूरे असम में लोकल लोग हरगिला को एक बुरा शगुन मानते थे। इसी को देखते हुए उन्होंने प्रण लिया कि इस धारणा को बदलने की जरूरत है। उन्होंने पक्षियों की रक्षा के लिए जमीनी स्तर पर आंदोलन शुरू किया। इसी मामले के बाद डॉ. बर्मन ने हरगिला सेना नामक एक महिला समूह की स्थापना की, जो स्थानीय महिलाओं को इस पक्षी के संरक्षण के लिए जागरूक करती है और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाती है। उनके प्रयासों से हरगिला पक्षी की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। मिल चुके कई सम्मान उनकी इस समर्पित सेवा के लिए उन्हें 2022 में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) द्वारा 'चैंपियंस ऑफ द अर्थ' पुरस्कार से सम्मानित किया गया। डॉ. बर्मन को 2024 में दूसरी बार व्हिटली गोल्ड अवार्ड (जिसे 'ग्रीन ऑस्कर' भी कहा जाता है) से सम्मानित किया गया। उनका लक्ष्य 2030 तक हरगिला पक्षी की वैश्विक आबादी को दोगुना कर 5,000 तक पहुंचाना है। अब इसी महीने यानी कि फरवरी 2025 में डॉ. पूर्णिमा देवी बर्मन को टाइम पत्रिका की 'वूमेन ऑफ द ईयर 2025' सूची में शामिल किया गया, जो उनके संरक्षण कार्यों की वैश्विक मान्यता को दर्शाता है। डॉ. बर्मन का समर्पण और प्रयास न केवल पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं, बल्कि स्थानीय समुदायों के सशक्तिकरण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Feb 24, 2025, 14:03 IST
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