Mandi News: पति को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में पत्नी आरोप मुक्त
सुसाइड नोट की लिखावट की रिपोर्ट अनिर्णायक रहीअतिरिक्त सत्र न्यायाधीश द्वितीय मंडी की अदालत ने सुनाया फैसलासंवाद न्यूज एजेंसीमंडी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश द्वितीय मंडी की अदालत ने पति को आत्महत्या के लिए उकसाने के आठ साल पुराने मामले में पत्नी सपना देवी को बरी कर दिया है। अदालत ने कहा कि अभियोजन न तो उकसावे का कोई ठोस प्रमाण दे सका और न ही यह साबित कर पाया कि मृतक सुनील कुमार की मौत के लिए आरोपी जिम्मेदार थी।अभियोजन पक्ष के तथ्यों के अनुसार सुनील कुमार ने 6 फरवरी 2017 को जहरीला पदार्थ खा लिया था और 7 फरवरी को उसकी मौत हो गई। मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया था कि पत्नी सपना देवी अक्सर घर छोड़कर चली जाती थी और उससे परेशान होकर सुनील ने आत्महत्या की। पुलिस ने इसी आधार पर आईपीसी की धारा 306 के तहत मामला दर्ज कर चालान अदालत में पेश किया।अदालत में पेश किए गए सुसाइड नोट की लिखावट मृतक की लिखावट से मेल नहीं खाई। राज्य फोरेंसिक साइंस लैब जुन्गा की रिपोर्ट में स्पष्ट कहा गया कि उपलब्ध नमूनों के आधार पर लेखक के संबंध में राय देना संभव नहीं है। इस तरह यह रिपोर्ट अनिर्णायक रही। इसके अलावा अदालत ने अपने फैसले में कहा कि सपना और सुनील के बीच कभी कोई पुलिस शिकायत या कानूनी विवाद दर्ज नहीं हुआ। पंचायत प्रतिनिधियों और गवाहों ने भी यह माना कि दोनों के बीच संबंध सामान्य थे, बल्कि विवाद सुनील की मां, भाई और भाभी के साथ था। न्यायालय ने कहा कि सामान्य पारिवारिक झगड़े या आरोप-प्रत्यारोप को उकसावे का अपराध नहीं माना जा सकता। अदालत ने कहा कि रिकॉर्ड पर ऐसा कोई प्रमाण नहीं है जिससे सपना देवी को दोषी ठहराया जा सके। इसी आधार पर उन्हें आरोपमुक्त किया गया।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Dec 04, 2025, 17:32 IST
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