रश्मि भारद्वाज की कविता- वह जो असाधारण स्त्री है 

वह जो असाधारण स्त्री है वह तुम्हारे प्रेम में पालतू हो जाएगी उसे रुचिकर लगेगी वनैले पशुओं-सी तुम्हारी कामना रात्रि के अंतिम प्रहर में तुम्हारे स्पर्श से उग आएगी उसकी स्त्री पर उसे नहीं भाएगा यह याद दिलाए जाना सूर्य की प्रतीक्षा के दौरान

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Mar 05, 2022, 19:06 IST
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