Panipat News: ईडी की दबिश में 40.62 लाख नकद और 1.61 करोड़ की ज्वेलरी बरामद

पानीपत। ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में भाजपा नेता नीतिसेन भाटिया के आवास समेत अन्य स्थानों से करीब 40.62 लाख नकद और 1.61 करोड़ रुपये के गहने बरामद किए हैं। इसके साथ विभिन्न दस्तावेजी और डिजिटल साक्ष्य जब्त किए हैं। तलाशी अभियान के दौरान एनसीबी मामले में फरार चल रहे दो आरोपियों गर्व भांभरी और ममता कंसल (निकेत कंसल की मां) का भी पता चला है। ईडी ने इसकी जानकारी एनसीबी के साथ साझा की है। ऐसे में इस मामले में भाजपा नेता के बेटे समेत अन्य लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। ईडी के प्रवक्ता ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जम्मू उप क्षेत्रीय कार्यालय ने रईस अहमद भट और अन्य के मामले में 13 फरवरी को बड़े स्तर पर तलाशी अभियान चलाया था। यह अभियान धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत की थी। जिसमें जम्मू और कश्मीर, दिल्ली, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में कई स्थानों पर अभियान चलाया था। यह तलाशी अभियान में कोडीन आधारित कफ सिरप (सीबीसीएस) की अनधिकृत बिक्री और आय के रूप में संबंधित अवैध मौद्रिक लाभ के संचालन में लिप्त विभिन्न व्यक्तियों व संस्थाओं के संबंध में चलाया गया।ईडी ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) जम्मू द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। जिसमें रईस अहमद भट को सीबीसीएस की तस्करी में शामिल पाया गया। इसकी निर्माता मेसर्स विदित हिमाचल प्रदेश के सिरमौर स्थित विदित हेल्थकेयर मिली। इसके मैनेजिंग पार्टनर पानीपत निवासी नीरज भाटिया हैं। उनके यहां से कोरेक्स नाम से सीबीसीएस ब्रांड बनाया जाना पाया गया। मेसर्स एसएस इंडस्ट्रीज फरीदाबाद के मालिक फरीदाबाद के सुमेश सरीन और एनके फार्मास्यूटिकल्स, कंसल फार्मास्यूटिकल्स, कंसल इंडस्ट्रीज और अन्य के माध्यम से खरीदा और अनधिकृत रूप से डायवर्ट कर बेचा गया। जिसका नियंत्रण निकेत कंसल और उनके परिवार के सदस्य करते हैं। उनके साथी गर्व भांभरी फरीदाबाद के साथ ही दिल्ली में भी रहते हैं।बॉक्स20 करोड़ से अधिक का भाटिया की कंपनी को किया भुगतान ईडी की जांच से पता चला है कि 2018-24 के दौरान मेसर्स कंसल इंडस्ट्रीज, मेसर्स कंसल फार्मास्यूटिकल्स, मेसर्स एन के फार्मास्यूटिकल्स, मेसर्स नोवेटा फार्मा और मेसर्स एसएस इंडस्ट्री मेसर्स विदित हेल्थकेयर से सीबीसीएस खरीद रहे थे। इसका अनधिकृत वितरण कर रहे थे। ऐसी कई संस्थाओं के लाइसेंस भी औषधि नियंत्रण अधिकारियों द्वारा रद्द कर दिए गए थे। 2019-25 के दौरान एनके फार्मास्यूटिकल्स और अन्य ऐसी संस्थाओं द्वारा मेसर्स विदित हेल्थकेयर को 20 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया था। इसमें सीबीसीएस की लगभग 55 लाख बोतल खरीदी थी। संदेह है कि इसे खुले बाजार में डायवर्ट किया गया। जिससे बड़ी मात्रा में अपराध की आय हुई। जिसका बड़ा हिस्सा नकद जमा और अन्य संबंधित बैंक लेनदेन के रूप में ऐसी संस्थाओं में आया।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Feb 18, 2025, 02:42 IST
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