Australia: मेलबर्न में युवक ने यहूदियों के उपासनागृह में लगाई आग, पुलिस ने हिरासत में लिया
मेलबर्न में युवक ने यहूदी उपासनागृह में आग लगा दी। पुलिस ने युवक को हिरासत में लेकर बुधवार को अदालत में पेश किया। पुलिस का आरोप है कि तीन नकाबपोशों ने प्रार्थना स्थल के अंदरूनी हिस्से में एक तरल पदार्थ छिड़का और आग लगा दी। इससे प्रार्थना स्थल को भारी नुकसान हुआ और एक श्रद्धालु घायल हो गया। ऑस्ट्रेलिया ने इस हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया था। पिछले हफ़्ते आरोपी 20 वर्षीय अली यूनुस पर अदास इस्राइल सिनेगॉग पर हुए आगजनी हमले का आरोप लगाया था। यूनुस को बुधवार को जेल से वीडियो लिंक के जरिये मेलबर्न मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने यूनुस को हिरासत में भेज दिया गया। क्षतिग्रस्त यहूदी प्रार्थना स्थल के बोर्ड सदस्य बेंजामिन क्लेन ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने उन्हें चेतावनी दी थी कि इसके लिए ईरान को दोषी ठहराया जाएगा। यह बहुत चौंकाने वाला और दर्दनाक है कि मेलबर्न में एक शांतिपूर्ण, प्रार्थना स्थल को विदेशी आतंकवादियों द्वारा निशाना बनाया गया और हमला किया गया। क्लेन ने कहा कि राज्य और संघीय प्राधिकारियों ने अस्थायी स्थान पर सुरक्षा बढ़ाने में सहयोग किया है, जहां अब सभास्थल के लोग एकत्रित होते हैं। यहूदी ऑस्ट्रेलियाई लोग भयभीत हैं कि अगला नंबर उनका हो सकता है। ऑस्ट्रेलिया ने ईरान को ठहराया जिम्मेदार युनूस अदालत में पेशी ऐसे समय में हुई, जब एक दिन पहले प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड पर प्रार्थना स्थल और सिडनी के कोषेर भोजनालय, लुईस कॉन्टिनेंटल किचन पर आगजनी करने का आरोप लगाया था। ईरान ने मंगलवार को अपने विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बघाई के जरिये ऑस्ट्रेलिया के आरोपों का खंडन किया। उन्होंने इन हमलों को उन चुनौतियों से जोड़ने का प्रयास किया, जिनका सामना सरकार को ऑस्ट्रेलिया द्वारा फलस्तीनी राज्य को मान्यता देने की घोषणा के बाद इस्राइल के साथ करना पड़ा। सिडनी और मेलबर्न अग्निकांड के मामले में अब तक आरोपियों की अदालत में हुई पेशी में ईरान से किसी संबंध की जानकारी नहीं मिली है। ऑस्ट्रेलियाई सुरक्षा खुफिया संगठन (एएसआईओ) का कहना है कि उसके पास इसका सबूत है कि हमलों को ईरान ने ही अंजाम दिया था। सह आरोपी अभी भी हिरासत में यूनुस के सह-अभियुक्त मेलबर्न के पश्चिमी बाहरी इलाके के 21 वर्षीय जियोवानी लाउलू को भी अदालत में पेश किया जाएगा। लाउलू को पिछले महीने गिरफ्तार किया गया था और वह अभी भी जेल में है। उन पर आगजनी, जान को खतरे में डालने वाली लापरवाही और कार चोरी के आरोप हैं। सिडनी के दो व्यक्तियों, वेन डीन ओग्डेन (40) और जुऑन अमुओई (26) पर भी हमले को अंजाम देने का आरोप लगाया गया है और वे अभी भी हिरासत में हैं। दोनों संदिग्धों पर विक्टोरियन संयुक्त आतंकवाद निरोधक टीम ने आरोप लगाए थे। यह राज्य की विक्टोरिया पुलिस, ऑस्ट्रेलियाई संघीय पुलिस और देश की प्रमुख घरेलू जासूसी एजेंसी एएसआईओ के कानून प्रवर्तन अधिकारियों को एक साथ लाती है। एएसआईओ के महानिदेशक माइक बर्गेस ने मंगलवार को कहा कि रिवोल्यूशनरी गार्ड ने ऑस्ट्रेलिया में हुए दो यहूदी विरोधी हमलों में अपनी संलिप्तता छिपाने के लिए प्रॉक्सी का इस्तेमाल किया। निष्कासित ईरानी राजदूत ऑस्ट्रेलिया में ही रहेंगे हमले के बाद ऑस्ट्रेलिया ईरान के साथ राजनयिक संबंध तोड़ रहा है। ऑस्ट्रेलिया ने निष्कासित किए गए पहले ईरानी राजदूत अहमद सादेघी को मंगलवार सुबह से 72 घंटे के भीतर ऑस्ट्रेलिया छोड़ने का समय दिया है। उनके तीन अन्य निष्कासित ईरानी राजनयिकों को भी एक सप्ताह का समय दिया गया है। सादेघी को बुधवार को कार से दूतावास से निकलते और वापस लौटते देखा गया। ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग ने बुधवार को ईरान में मौजूद सभी ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों से तुरंत वहां से चले जाने का आग्रह किया और यात्रियों को वहां न जाने की चेतावनी दी क्योंकि तेहरान में अब ऑस्ट्रेलिया का दूतावास नहीं है। उन्होंने बताया कि ऑस्ट्रेलियाई राजनयिकों को उनकी सुरक्षा के लिए किसी अज्ञात तीसरे देश में स्थानांतरित कर दिया गया है। वोंग ने कहा कि ईरान एक ऐसा शासन जिसे हमने आक्रामकता और हिंसा में सक्षम देखा है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Aug 27, 2025, 14:58 IST
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