VP Polls: 'उपराष्ट्रपति पद राजनीतिक संस्था नहीं, बल्कि सर्वोच्च संवैधानिक निकाय'; असम में बोले सुदर्शन रेड्डी
नौ सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति पद के चुनावों के लिए सत्ता और विपक्ष दोनों में हलचल तेज है। विपक्षी धड़े के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी अपने पक्ष में समर्थन जुटाने के लिए अलग-अलग राज्यों का दौरा कर सांसदों से मुलाकात कर रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने शुक्रवार को असम का दौरा किया। इस दौरान, सुदर्शन रेड्डी ने कहा कि उपराष्ट्रपति का पद कोई राजनीतिक संस्था नहीं, बल्कि एक उच्च संवैधानिक निकाय है। गुवाहाटी में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि यह कोई साधारण राजनीतिक संस्था नहीं है। इस पद पर बैठने वाले व्यक्ति में न्यायाधीश जैसी विशेषताएं होनी चाहिए। निष्पक्षता, तर्कसंगतता और वाणी व आचरण में संतुलन। उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति पद के बारे में मेरी यही समझ है उन्होंने पहले मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि भारत का चुनाव आयोग (ईसीआई) एक संवैधानिक निकाय है जिसे देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है। पूर्व-नियोजित तरीके से किसी भी व्यक्ति को चुनाव में भाग लेने से वंचित नहीं किया जा सकता। इस दौरान मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि चूंकि यह मामला सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है, इसलिए इस पर कोई भी टिप्पणी करना मेरे लिए अविवेकपूर्ण होगा। हाल ही में सभी सांसदों को लिखा था पत्र उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में विपक्षी खेमे- INDIA ब्लॉक के प्रत्याशी सेवानिवृत्त जस्टिस रेड्डी ने हाल ही में सभी दलों के सांसदों को पत्र लिखा था। पत्र में उन्होंने आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव में उनसे समर्थन मांगा था। साथ ही उन्होंने भरोसा जताया थाकि 2025 का चुनाव भारत के हालिया इतिहास में लड़े गए सबसे निष्पक्ष, प्रतिष्ठित और मर्यादित चुनावों में से एक होगा। कौन हैं बी सुदर्शन रेड्डी 79 वर्षीय रिटायर्ड जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी सुप्रीम कोर्ट से जुलाई 2011 में सेवानिवृत्त हुए थे। इससे पहले वे आंध्र प्रदेश, गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश भी रहे। उन्होंने अपने न्यायिक करियर में कई अहम फैसले दिए, जिसमें काला धन मामले में केंद्र सरकार की ढिलाई की आलोचना, छत्तीसगढ़ सरकार की सलवा जुडूम नीति को असांविधानिक ठहराना और काले धन की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने जैसे आदेश प्रमुख हैं। कांग्रेस और विपक्षी दल मानते हैं कि रेड्डी 'सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के सतत व साहसी समर्थक' हैं। तेलंगाना में जातिगत सर्वेक्षण कराने वाली समिति का नेतृत्व करने को लेकर भी रेड्डी चर्चा में रहे। महाराष्ट्र के राज्यपाल रहे सीपी राधाकृष्णन से मुकाबला बता दें कि रेड्डी का मुकाबला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के प्रत्याशी और महाराष्ट्र के राज्यपाल रहे सीपी राधाकृष्णन से है। दोनों प्रत्याशियों के पक्ष में समीकरणों को मजबूत करने लेकर सत्ताधारी गुट के साथ-साथ विपक्षी दलों को भी एकजुट रखने का प्रयास किया जा रहा है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Sep 05, 2025, 18:54 IST
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