Una News: भोली बनीं मास्टर, जूट उत्पादों से महिलाओं को बना रहीं आत्मनिर्भर

नारी (ऊना)। यदि काम करने और मेहनत का जज्बा हो, तो इंसान को रास्ते अपने आप मिलते जाते हैं। इसी का जीवंत उदाहरण हैं बुढार गांव की भोली देवी। पंजाब नेशनल बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (पीएनबी आरसेटी) से प्रशिक्षण लेकर उन्होंने न केवल खुद काम करना सीखा, बल्कि अब वह मास्टर ट्रेनर बनकर घर बैठे ही 25 से 30 हजार रुपये प्रति महीना कमा रही हैं।भोली देवी अब अपने स्वयं सहायता समूह की 30 महिलाओं को जूट से बनने वाले उत्पाद, विशेषकर ऑफिस फाइल कवर बनाने का प्रशिक्षण दे रही हैं। इन उत्पादों की बिक्री स्थानीय स्तर के साथ-साथ ऑनलाइन भी पंजाब, हरियाणा और राजस्थान जैसे राज्यों तक की जा रही है। भोली देवी ने बताया कि जूट स्थानीय स्तर पर उपलब्ध नहीं होता, इसलिए इसे ऑनलाइन पश्चिम बंगाल और बिहार से मंगवाया जाता है। इसके बाद जूट को मशीन में गुजारकर अलग-अलग रंग देकर फाइल कवर की चादर तैयार की जाती है। उपयुक्त साइज में चादर की कटाई करने के बाद फाइल कवर को आकर्षक बनाने के लिए उस पर जिप, पॉकेट और बटन लगाए जाते हैं, जिससे अधिक दाम मिल जाते हैं। उन्होंने बताया कि बढ़िया किस्म की जूट 140 रुपये प्रति मीटर के हिसाब से मिलती है। एक मीटर वर्गाकार से सात फाइलें तैयार हो जाती हैं और एक फाइल पर लगभग छह रुपये का लाभ होता है।शहरों में बढ़ रही है मांगफाइल कवर के अलावा यह समूह पानी की बोतल कवर और टेबल मैट भी तैयार कर रहा है। भोली देवी के अनुसार इन दोनों उत्पादों की मांग शहरों और दूसरे राज्यों में बढ़ती जा रही है, जिससे अच्छी इनकम हो रही है। महिलाओं की मेहनत पर निर्भर करता है कि वे महीने में 15 से 20 हजार रुपये तक कमा रही हैं, जिससे उनके जीवन स्तर में बहुत बड़ा परिवर्तन आया है। मास्टर ट्रेनर भोली देवी का कहना है कि सरकारी संस्थाएं प्रशिक्षण देती हैं और यदि इंसान के अंदर मेहनत का जज्बा हो, तो वह घर बैठे स्वरोजगार हासिल करके अपनी आमदनी को और बढ़ा सकता है। जूटसेबैग और फाइल कवर तैयारी करती महिलाएं। संवाद

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 19, 2025, 23:58 IST
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