Cough syrup: खांसी की दवाओं में दूषित रसायन मिलने के बाद केंद्र ने ट्रैकिंग अनिवार्य की, राज्य करेंगे निगरानी

खांसी की दवाओं में जहरीले रसायनों की मिलावट के हालिया मामलों के बाद केंद्र सरकार ने 10 रसायनों की सूची बनाकर उन्हें उच्च जोखिम की श्रेणी में रखते हुए राज्यों से तत्काल इन पर निगरानी शुरू करने का आदेश दिया है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने सभी राज्यों से कहा है कि अब इन हाई-रिस्क सॉल्वेंट्स की पूरी सप्लाई चेन यानी उत्पादन से लेकर दवाओं के बाजार तक पहुंचने की प्रक्रिया सरकारी निगरानी के दायरे में रहेगी। इसके लिए हाल ही में केंद्र सरकार ने ओएनडीएलएस सिस्टम शुरू किया। इस पोर्टल पर डिजिटल रूप से ट्रैक की जाएगी। सरकार ने ग्लिसरीन, प्रोपाइलीन ग्लाइकोल, माल्टिटोल और माल्टिटोल सॉल्यूशन, सोर्बिटोल और सोर्बिटोल सॉल्यूशन, हाइड्रोजेनेटेड स्टार्च हाइड्रोलाइसेट, डाइएथिलीन ग्लाइकोल स्टिऐरेट्स, पॉलीएथिलीन ग्लाइकोल, पॉलीएथिलीन ग्लाइकोल मोनोमेथिल ईथर, पॉलीसॉर्बेट और पॉलीऑक्सिल कंपाउंड्स और एथिल अल्कोहल रसायन को को हाई-रिस्क सॉल्वेंट्स की सूची में रखा है। फार्मा कंपनियों को पोर्टल पर पंजीयन कराना जरूरी दवाओं में इन रसायनों का इस्तेमाल करने वाली फार्मा कंपनियों को ओएनडीएलएस पोर्टल पर पंजीयन करना होगा। जिन कंपनियों के पास पहले से मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस हैं, उन्हें भी पोर्टल पर अपनी जानकारी अपडेट करनी होगी। आदेश में कहा है कि हाल के महीनों में डाइएथिलीन ग्लाइकोल (डीईजी) और प्रोपाइलीन ग्लाइकोल (पीजी) जैसे रसायनों के कारण कफ सिरप में संदूषण के मामले सामने आए हैं, जिससे गंभीर सुरक्षा चिंताएं पैदा हुईं। देश में तत्काल लागू हुआ निगरानी सिस्टमआदेश में ड्रग्स कंट्रोलर जनरल डॉ. राजीव सिंह रघुवंशी ने कहा है कि ओएनडीएलएस पोर्टल को अब लाइव कर दिया गया है और यह अब सॉल्वेंट की सप्लाई चेन और गुणवत्ता दोनों की निगरानी के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा। इस डिजिटल प्रणाली को सी-डैक नोएडा की मदद से विकसित किया गया है। केंद्र का यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। विदेश की तरह, भारत में भी सिरप की सरकारी लैब में जांच केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि जिस तरह विदेश भेजने से पहले कफ सिरप को सरकारी प्रयोगशालाओं में जांच कराई जाती है और वहां से प्रमाणित होने के बाद ही उन दवाओं को विदेशों के लिए रवाना किया जाता है, उसी तरह की जांच अब भारत के घरेलू बाजार में भी अनिवार्य की जाएगी। फार्मा कंपनियों को बाज़ार में कफ सिरप ले जाने से पहले सर्टिफिकेट ऑफ एनालिसिस प्राप्त करना होगा जो सरकारी प्रयोगशालाओं या फिर सरकार द्वारा तय प्रयोगशालाओं से जांच के बाद प्राप्त करेंगे। उसके बाद ही बाजार में ले जा सकेंगे।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Oct 24, 2025, 07:30 IST
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