Chandigarh-Haryana News: जीएसटी स्लैब में बदलाव से हथकरघा उद्योग को राहत
-पहले 12 फीसदी स्लैब होने से 9500 करोड़ रुपये का रिफंड मिलने में होती थी देरीअमर उजाला ब्यूरोचंडीगढ़। टेक्सटाइल नगरी पानीपत की नींव हथकरघा उद्योग को जीएसटी स्लैब में बदलाव से बड़ी राहत मिली है। अब उनको जीएसटी रिफंड के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। पहले रिफंड के रूप में मिलने वाले करीब 9500 करोड़ रुपये के भुगतान में देरी होती थी। सरकार ने हथकरघा उद्योग के 80 फीसदी सामान पर जीएसटी 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया। हरियाणा चैंबर ऑफ कॉमर्स पानीपत चैप्टर के प्रधान विनोद धमीजा ने बताया कि तकरीबन 80 हजार करोड़ रुपये के माल की खरीद पर 12 फीसदी जीएसटी दर से 9500 करोड़ रुपये से अधिक जीएसटी जमा करना होता था, जोकि बाद में कई महीने रिफंड की प्रक्रिया में फंसा रहता था। इससे व्यापारियों को आर्थिक नुकसान होता था। नए स्लैब में 80 हजार करोड़ रुपये के माल पर पांच फीसदी जीएसटी के हिसाब से केवल चार हजार करोड़ रुपये ही लगेंगे। माल की बिक्री के समय ग्राहक को पांच फीसदी जीएसटी में बेचने से जीएसटी रिफंड का झंझट ही खत्म हो जाएगा। धमीजा ने कहा कि यह बदलाव उद्यमियों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगा। उत्पादन लागत घटेगी और बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।पानीपत में करीब 35 हजार फैक्टरियां हैं, जहां लगभग तीन लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला हुआ है। हर साल करीब 80 हजार करोड़ रुपये का घरेलू बाजार और 20 हजार करोड़ रुपये का निर्यात इसी उद्योग से जुड़ा है। पानीपत से अमेरिका में 10 हजार करोड़ रुपये का निर्यात किया जाता है। हैंडलूम एक्सपोर्ट मैन्युफैक्चरर एसोसिएशन के प्रधान रमेश वर्मा ने बताया कि जीएसटी के इस सुधार से उद्योग को गति मिलेगी और वैश्विक बाजार में भारत की पकड़ और मजबूत होगी। कुल मिलाकर, जीएसटी स्लैब में बदलाव से हैंडलूम उद्योग को बड़ी राहत मिली है। इससे न केवल उद्यमियों को पूंजीगत दबाव से मुक्ति मिलेगी, बल्कि राज्य और देश के लिए निर्यात व रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।कच्चा माल भी 5 फीसदी पर मिलेगा और तैयार माल भी 5 फीसदी पर ही बिकेगाहथकरघा उद्योग में पॉलिस्टर फैब्रिक, कॉटन ब्लेंड्स, होम टेक्सटाइल्स, बेडशीट, टॉवेल, डेकोरेटिव फैब्रिक और पर्दे शामिल हैं। इसके 5 फीसदी स्लैब में आने से उद्यमियों को अब कच्चा माल भी 5 फीसदी पर ही मिलेगा और तैयार माल भी 5 फीसदी पर बिकेगा। इससे जीएसटी का अतिरिक्त भुगतान करने और महीनों तक रिफंड का इंतजार करने से मुक्ति मिलेगी। माल बिक्री के साथ हाथों-हाथ पहले के मुकाबले जीएसटी तौर पर फंसने वाले करोड़ों रुपये से मुनाफा भी होगा। 20 फीसदी सामान पर अभी 18 फीसदी जीएसटीहथकरघा उद्योग का 20 फीसदी सामान अभी भी 18 फीसदी जीएसटी स्लैब में शामिल हैं। इनमें लक्जरी अपहोल्स्ट्री, हाई-एंड डेकोरेटिव फैब्रिक, डिजाइनर ब्लैंकेट और एक्सपोर्ट क्वालिटी प्रीमियम होम टेक्सटाइल्स शामिल हैं। इन उत्पादों को उच्च कर स्लैब में रखने का कारण इन्हें लग्जरी कैटेगरी में गिना जाना है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Sep 23, 2025, 02:47 IST
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