Roorkee News: खाद्य आपूर्ति और ऊर्जा निगम से खफा दिखे जनप्रतिनिधि

ब्लॉक सभागार में हुई पहली बोर्ड बैठक में बीडीओ व ग्राम प्रधान सबसे अधिक ऊर्जा निगम और खाद्यपूर्ति विभाग से खफा दिखे। दोनों ही विभागों के अधिकारियों के मंच पर आते ही प्रतिनिधियों ने शिकायतों का पिटारा खोल दिया। दोनों ही विभाग के अधिकारी प्रतिनिधियों को संतुष्ट नहीं कर पाए। सोमवार को ब्लॉक कार्यालय में पहली बोर्ड बैठक आयोजित हुई। बैठक में बतौर मुख्य अतिथि भगवानपुर विधायक ममता राकेश पहुंचीं। बैठक में बाल विकास विभाग, खाद्य आपूर्ति विभाग, ऊर्जा निगम, पेयजल विभाग, राजस्व विभाग, जिला उद्योग केंद्र, सहाकारिता, कृषि विभाग, उद्यान विभाग, पशुपालन विभाग से संबंधित अधिकारियों ने अपने-अपने विभाग की योजनाओं की जानकारी दी। जनप्रतिनिधियों को सबसे अधिक ऊर्जा निगम और खाद्य आपूर्ति विभाग से शिकायत थी। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में बिजली की लाइनें जर्जर हैं। खंभे टूटे पड़े हैं और लगातार बिजली कटौती की जा रही है। वहीं खाद्यपूर्ति विभाग में कार्ड नहीं बनने और राशन समय से नहीं मिलने की समस्याएं मुख्य रूप से थीं। दोनों ही विभाग के अधिकारी जनप्रतिनिधियों की समस्याएं हल नहीं कर पाए। राजस्व विभाग को लेकर बीडीसी ने बताया कि क्षेत्र में आठ महीने से लेखपाल तैनात नहीं है। इसपर तहसीलदार शालिनी मौर्य ने बताया कि उनके पास फिलहाल 50 फीसदी लेखपाल हैं। ऐसे में लोगों की समस्याओं को देखते हुए इनके समय-समय पर कार्यक्षेत्र बदले जाएंगे। बोर्ड बैठक में करीब 15 बीडीसी नदारद रहे। इस दौरान परियोजना निदेशक विक्रम सिंह, डीडीओ वेदप्रकाश, ब्लॉक प्रमुख राव लुबना, ज्येष्ठ उप प्रमुख बीना सैनी, कनिष्ठ उप प्रमुख दिलीप कुमार, बीडीओ एसपी थपलियाल, एबीडीओ कमलेश कांडपाल, एडीओ पंचायत बनेश कुमार आदि मौजूद रहे।जनप्रतिनिधियों के प्रतिनिधियों को किया बाहरहर बार की तरह इस बार भी बैठक में बीडीसी और ग्राम प्रधान की जगह उनके प्रतिनिधि बैठक में पहुंच गए। कुछ ऐसे भी जनप्रतिनिधि थे जो अपने साथ पति या पिता को लेकर आए थे। ऐसे में बैठक शुरू होते ही इन प्रतिनिधियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। मुख्य तौर पर ये समस्या महिला प्रधान और महिला बीडीसी के साथ आई। उनका प्रतिनिधित्व करने उनके पति या पिता आए थे। बैठक में परियोजना निदेशक विक्रम सिंह ने स्पष्ट किया कि बैठक में प्रतिनिधि बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साथ ही यदि कोई प्रतिनिधि बैठक में शामिल भी हुआ तो उसे बैठक में बोलने का अधिकार नहीं होगा।विभागों को जारी किए नोटिसबोर्ड बैठक में कुछ विभाग ऐसे थे जहां से कोई अधिकारी प्रतिनिधित्व करने नहीं आया था। बैठक में एजेंडे के तहत जब विभागों का नाम आया और अधिकारी मौजूद नहीं हुए तो परियोजना निदेशक ने नाराजगी जाहिर की। साथ ही ऐसे विभागों को चिन्हित कर उन्हें नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 02, 2023, 23:39 IST
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