Chandigarh-Haryana News: नशे की हालत में अन्य सैनिक से लड़ाई में मौत, आश्रित उदारीकृत परिवारिक पेंशन के पात्र नहीं
कर्मी की विधवा की ओर से एएफटी के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका हाईकोर्ट ने की खारिजयाची के पति की सहकर्मी ने सिर में गोली मार कर की थी हत्या, शराब पीने के बाद हुुआ था झगड़ा चंडीगढ़। पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि नशे की हालत में किसी सैनिक की दूसरे सैनिक के साथ मारपीट में हुई मौत, मृतक के परिवार को उदारीकृत पारिवारिक पेंशन लाभ पाने का पात्र नहीं बनाती है। जस्टिस हरसिमरन सिंह सेठी और जस्टिस विकास सूरी ने सैनिक की मौत को उग्रवादियों, असामाजिक तत्वों आदि की ओर से हिंसा/हमले के अंतर्गत शामिल करने से इनकार करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता के पति और उसके एक अन्य सहकर्मी में शराब पीने के बाद झगड़ा हुआ था। इस दौरान उक्त सहकर्मी ने उसे गोली मार दी जिससे उसकी मौत हो गई। उपरोक्त का अवलोकन से पता चलता है कि यद्यपि यह मामला उग्रवादियों या असामाजिक तत्वों की ओर से हिंसा/हमले से संबंधित है लेकिन नशे में धुत होकर कर्मियों में हुई निजी लड़ाई की स्थिति को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा। मृतक सैनिक की विधवा ने सशस्त्र बल न्यायाधिकरण की ओर से पारित उस आदेश को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी जिसके तहत याचिकाकर्ता को उदारीकृत पारिवारिक पेंशन का लाभ नहीं दिया गया था। इस याचिका का विरोध करते हुए केंद्र सरकार ने दलील दी कि याचिकाकर्ता को विशेष पारिवारिक पेंशन का लाभ पहले ही प्रदान किया जा चुका है। याचिकाकर्ता के दिवंगत पति की मृत्यु किसी यूनिट में तैनात एक सहकर्मी के हाथों हुई थी न कि किसी युद्ध या ऑपरेशन के दौरान। कोर्ट ने कहा कि वर्तमान मामले में याचिकाकर्ता के पति की मृत्यु दो सैनिकों के बीच नशे की हालत में हुई लड़ाई के कारण हुई थी न कि किसी प्रशिक्षण अभ्यास या गोला-बारूद के प्रदर्शन के दौरान। ऐसे में याचिका खारिज कर दी गई।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Sep 01, 2025, 20:13 IST
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