Potato: बढ़ रही लागत, मुनाफा हो रहा कम, इस बार सब्जियों के राजा आलू को नहीं मिला भाव, बेहाल किसान
सब्जियों के राजा को इस बार बाजार में भाव नहीं मिल रहा है। दाम नहीं बढ़ने से आलू की शीतगृहों से निकासी नहीं हो रही है। हाथरस में पिछले चार माह में 35 और अलीगढ़ में 30 प्रतिशत मीट्रिक टन आलू की निकासी शीतगृहों से हो पाई है। करीब आठ लाख 89 हजार मीट्रिक टन आलू शीतगृहों में जमा है, जिसकी अगले दो माह में निकासी होनी है। हालात नहीं सुधरे तो आलू की बेकद्री हो सकती है और सड़कों पर फेंकने जैसी नौबत आ सकती है। उद्यान विभाग भी किसानों को आलू निकालने के लिए चेता रहा है। किसान परेशान है कि इस बार भाड़ा निकल भी पाएगा या नहीं। शीतगृह एसोशिएशन के अध्यक्ष गिर्राज गोदानी बताते हैं कि इस बार अलीगढ़ में आलू का रक्बा करीब हजार हेक्टेयर बढ़ा था और पैदावार भी 15 प्रतिशत अधिक हुई। 36,000 हजार हेक्टेयर में आलू था।उन्होंने बताया कि इसमें से 30 प्रतिशत की ही निकासी हो पाई है। पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी बंगाल, मध्यप्रदेश में भी आलू की अच्छी पैदावार हुई है। फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज को भी पर्याप्त माल मिला है। बाजार में मांग कम हुई है। शीतगृह मालिकों की माने तो हाथरस पिछले दो साल से भाव भी अच्छा मिल रहा था। इस बार 52 हजार हेक्टेयर करीब हेक्टेयर में आलू की पैदावार हुई है। मार्च 2025 तक आलू का भंडारण हुआ और मई से निकासी शुरू हो गई। मई माह से अगस्त माह तक करीब चार लाख मीट्रिक टन यानी 35 फीसदी ही आलू की ही निकासी हो पाई है। पिछले साल में इस समय तक 50 फीसदी आलू की निकासी हो जाती थी। आलू की स्थिति इस बार चिंताजनक है। बाजार की स्थिति को देखते हुए 10 से 20 फीसदी आलू शीतगृहों में रह सकता है। 31 अक्तूबर तक आलू की निकासी का समय होता है। सरकार इसे नवबंर तक बढ़ा सकती है। पंजाब की आने वाली सीजन की फसल लेट होने पर ही कुछ राहत मिल सकती है। सरकार को चाहिए कि गोशालाओं और मिड डे मिल के लिए आलू की खरीद कराकर मांग बढ़ा दें, जिससे किसानों को राहत मिल जाए।-गिर्राज गोदानी, अध्यक्ष शीतगृह एसोसिएशन, अलीगढ़ इस बार बहुत कम निकासी हुई है। हरी सब्जियों की अच्छी पैदावार और हाइब्रिड आलू की वजह से भी किसानों को फसल का अच्छा रेट नहीं मिल पा रहा है।-निरंजन सिंह शास्त्री, शीतगृह संचालक, हाथरस। सामान्य आलू का अच्छा रेट नहीं मिल पा रहा है। आलू की शीतगृहों से बिक्री नहीं हो पा रही है। अगर समय रहते आलू की निकासी न हुई तो भारी नुकसान होने की संभावना है।-रविकांत अग्रवाल, शीतगृह संचालक, हाथरस आलू की निकासी के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है। किसान रेट बढ़ने की उम्मीद में आलू की निकासी नहीं कर रहे हैं। समय काफी कम है, किसान आलू की निकासी कर लें। बुवाई का समय भी आने वाला है।-डॉ. सुनील कुमार, जिला उद्यान अधिकारी, हाथरस।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Aug 25, 2025, 10:31 IST
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