Delhi: फूलवालों की सैर देखना हो तो दिल्ली आइये, लोगों का मन मोह लेता है ये उत्सव
हर क्षेत्र में कुछ ऐसे उत्सव और परंपराएं होती हैं जो उसकी पहचान बन जाती हैं। सांस्कृतिक रूप से बेहद समृद्ध रही राजधानी दिल्ली भी अपने आप में कई ऐसी ही परंपराओं और उत्सवों को समेटे हुए है जो इसकी पहचान बन गई हैं। इसी में एक है- फूलवालों का उत्सव, जिसे सदियों से दिल्ली में मनाया जाता है। इस दौरान अलग-अलग धर्म-संप्रदायों के लोग फूलों की चादर और पंखे पेश करते हैं। यह दृश्य देश की गंगा-जमुनी तहजीब का शानदार मेल प्रस्तुत करता है। इस बार यह उत्सव दो से आठ नवंबर के बीच आयोजित किया जाएगा। पिछले कुछ समय से यह कार्यक्रम एक छोटे आयोजन की तरह सिमट कर रह गया है, लेकिन सरकार अब इसे एक बार फिर इसके पुराने गौरव के साथ वापस लाना चाहती है। दिल्ली के कला, संस्कृति एवं भाषा मंत्री कपिल मिश्रा ने सोमवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक में कला, संस्कृति एवं भाषा विभाग, दिल्ली वक्फ बोर्ड एवं अंजुमन सैर-ए-गुल फरोशन सोसाइटी के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इस बैठक के बाद कपिल मिश्रा ने कहा कि त्योहार फूलवालों की सैर दिल्ली की पहचान है। सदियों से चली आ रही इस परंपरा को फिर से जीवंत किया जाएगा। इस उत्सव को सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए लोगों से सुझाव मांगे गए हैं। ये भी पढ़ें:'पूरी परीक्षा प्रणाली को बर्बाद कर रहे आप लोग, मुन्ना भाई अंदर रहना चाहिए..', कोर्ट ने आरोपी को लगाई फटकार जानकारी के अनुसार, फूलवालों की सैर दिल्ली की गंगा-जमुनी तहज़ीब का प्रतीक माना जाता है। इस परंपरा में हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय मिलकर फूलों की चादर और पंखे श्रद्धा स्वरूप अर्पित करते हैं। यह आयोजन हमेशा से भाईचारे और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक रहा है। दिल्ली सरकार इस उत्सव को एक बार फिर राजधानी की पहचान बनाने की दिशा में काम कर रही है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Sep 08, 2025, 20:07 IST
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