GST: जीएसटी सुधार से हर वर्ग को राहत, खपत-अर्थव्यवस्था को मिलेगी रफ्तार; जानें कितना कम होगा जेब का बोझ
जीएसटी परिषद ने 3 सितंबर को अप्रत्यक्ष कर की दरों में ऐतिहासिक सुधार करते हुए चार की जगह अब सिर्फ दो जीएसटी स्लैब को मंजूरी दे दी थी। आज से यह बदलाव प्रभावी हो गया है। यानी आज जीएसटी की सिर्फ दो दरों- 5 और 18 फीसदी ही लागू हैं। वहीं, 12 और 28 फीसदी के स्लैब को खत्म कर दिया गया है। आलीशान और स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाले कुछ उत्पादों के लिए एक नया 40 फीसदी का टैक्स स्लैब भी बनाया गया है। जीएसटी के नए प्रावधानों के मुताबिक, अब पनीर, छेना, टेट्रापैक दूध, रोटी, चपाती परांठा, खाकरा जैसी आम लोगों से जुड़ी खाद्य वस्तुओं, दुर्लभ बीमारियों और कैंसर की दवाओं पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा और जीवन बीमा पॉलिसियों को भी करों से छूट दे दी गई है। इसकी लंबे अरसे से मांग उठ रही थी। वहीं, फास्ट फूड, धनाढ्य वर्ग के उपभोग में आने वाली लग्जरी कारों समेत शराब, तंबाकू जैसी चुनिंदा विलासिता की एवं जीवन के लिए हानिकारक वस्तुओं के लिए 40 फीसदी का विशेष कर स्लैब बनाया गया है। सरकार ने रोटी, कपड़ा और मकान के साथ व्यक्तिगत स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा भी सस्ता कर दिया है, जिसका लंबे समय से इंतजार था। टैक्स स्लैब को चार से घटाकर दो करने के साथ दरों में कटौती से सरकार ने दिवाली से पहले हर वर्ग को राहत दी है। जीएसटी परिषद के इन फैसलों से दैनिक उपयोग के सामान, दवाएं, इलेक्ट्रॉनिक्स अप्लायंसेज, कृषि उपकरण, सीमेंट समेत जरूरी उत्पाद सस्ते हो रहे हैं। इससे मांग और बिक्री बढ़ेगी, जिससे टैरिफ संकट के बीच अर्थव्यवस्था की रफ्तार बनी रहेगी।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Sep 21, 2025, 22:18 IST
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