Mp:DPI के बाहर अतिथि शिक्षकों ने किया हंगामा, अतिथियों की भर्ती में आ रही परेशानी,अधिकारी सुनने को तैयार नहीं

मध्य प्रदेश में अतिथि शिक्षकों के भर्ती का मामला गरमाता जा रहा है। सोमवार को अचानक बड़ी संख्या में अतिथि शिक्षक लोक शिक्षण संचालनालय यानी DPI पहुंच गए और अपनी परेशानी को लेकर हंगामा कर दिया। शैक्षणिक सत्र शुरु हुए ढाई महीने का समय बीत चुका है। तिमाहीं परीक्षा सिर पर है और विभाग अभी तक अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति नहीं कर सका है।अतिथियों के डीपीआई पहुंचने पर मौजूद गार्ड ने चैनल गेट लगा दिया। जिसके बाद अतिथि शिक्षकों ने हंगामा कर दिया। अतिथि शिक्षक अधिकारियों से मिलने की बात पर अड़े रहे लेकिन अधिकारी सुनने को तैयार नहीं थे। जब अतिथियों को डीपीआई के अंदर नहीं जाने दिया तो एक अतिथि शिक्षक ने दुखी होकर अपनी डिग्री जमीन पर फेंक दी और वहीं बैठ गया। 30% से कम रिजल्ट देने वाले शिक्षकों को किया बाहर मध्य प्रदेश शिक्षा विभाग में इस वर्ष 30 फ़ीसदी से कम रिजल्ट देने वाले अतिथि शिक्षकों को अपात्र घोषित कर दिया है। दरअसल बीते शैक्षणिक सत्र जिन अतिथि शिक्षकों ने बोर्ड क्लास में 30% भी रिजल्ट नहीं दिया है, विभाग ने उन्हें ब्लैक लिस्टेड कर दिया है। इस वजह से 15 हजार अतिथि शिक्षक बेरोजगार हो गए हैं। अतिथि शिक्षकों का कहना है कि 10 साल से स्कूलों में पढ़ने के बाद आप उन्हें बेरोजगार किया जा रहा है। डीपीआई पहुंचे इन अतिथियों की मांग है कि ये नियम गलत है। इसे हटाकर सरकार को उन्हें एक मौका और देना चाहिए। जो 10 से 15 सालों से अतिथि व्यवस्था में है, वो एकदम से अब कहां जाएंगे। नियमित शिक्षक भी उतने ही दोषी अतिथि शिक्षकों ने कहा कि खराब रिजल्ट के लिए सिर्फ वो दोषी नहीं नियमित शिक्षक भी उतना ही जिम्मेदार है। 8वीं तक बच्चे को फेल नहीं किया जाता, इससे 9वीं में जो बच्चा आता है वो शैक्षणिक स्तर पर पहले से ही कमजोर रहता है। इससे आने वाले क्लास के रिजल्ट पर असर पड़ता है। वहीं अतिथि शिक्षकों को पूरे साल पढ़ाने का मौका भी नहीं दिया जाता। ऐसे में 30 प्रतिशत रिजल्ट वाला नियम गलत है, जिसे हटाकर अतिथियों को ज्वाइनिंग देना चाहिए। अतिथि शिक्षक,कल उतरेंगे भोपाल की सड़कों पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा दो सितंबर 2024 को आयोजित अतिथि शिक्षक पंचायत में की गई घोषणाओं के आदेश जारी नहीं होने से प्रदेश के हजारों अतिथि शिक्षक नाराज हैं। कल दस सितंबर को अपना भविष्य सुरक्षित करने भोपाल की सड़कों पर उतरेंगे। गौरतलब है कि अतिथि शिक्षकों की तिरंगा यात्रा पांच सितंबर शिक्षक दिवस को निर्धारित थी। मुख्यमंत्री मोहन यादव के पिताजी का देहांत होने से संगठन के पदाधिकारियों ने उनको श्रद्धांजलि अर्पित करने के उद्देश्य से तिरंगा यात्रा दस दिसंबर तक स्थगित कर दी थी। हजारों अतिथि शिक्षक हुए बेरोजगार अतिथि शिक्षककेसी पवार ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री की घोषणानुसार किसी भी अतिथि शिक्षक को बेरोजगार नहीं किया जायेगा पर उनकी घोषणा के बाद सीधी भर्ती प्रमोशन और ट्रांसफर से हजारों लोगों को बेरोजगार कर दिया है। गुरुजियों की भांति विभागीय परीक्षा लेकर नियमित करने के आदेश भी आज दिनांक तक नहीं हुए हैं। अतिथि शिक्षकों की ये है मांगें 1. खाली पदों पर अनुभव और वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति के आदेश तत्काल जारी हों। 2. अनुभव-वरिष्ठता के आधार पर विभागीय पात्रता परीक्षा आयोजित कर नियमित शिक्षक बनाया जाए। 3. अनुभव और वरिष्ठता के आधार पर अतिथियों का पूरे एक साल का अनुबंध किया जाए। 4. शिक्षक भर्ती में 50 प्रतिशत आरक्षण और हर साल 4 अंक या अधिकतम 20 अंक बोनस दिया जाए। 5. महीने की निश्चित तारीख को अतिथि शिक्षकों को मानदेय देने का आदेश जारी किया जाए।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Sep 09, 2024, 19:49 IST
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