Gujarat: द्वारका तट पर एएसआई ने पानी के भीतर शुरू की खोज, डूबी हुई धरोहर के नए संकेत मिलने की उम्मीद

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की उच्चस्तरीय टीम ने गुजरात के द्वारका में पानी के भीतर पुरातात्विक खोज और अध्ययन का काम शुरू कर दिया है। यह अभियान एएसआई के अंडरवॉटर आर्कियोलॉजी विंग (यूएडब्ल्यू) के तहत चलाया जा रहा है, जिसका नेतृत्व एएसआई के अतिरिक्त महानिदेशक प्रोफेसर आलोक त्रिपाठी कर रहे हैं। टीम का मुख्य उद्देश्य द्वारका और बेट द्वारका के समुद्री क्षेत्र में संभावित डूबे हुए पुरातात्विक अवशेषों की पहचान, दस्तावेजीकरण और वैज्ञानिक अध्ययन करना है। प्राचीन ग्रंथों में वर्णित भगवान कृष्ण की नगरी द्वारका लंबे समय से पुरातत्वविदों और समुद्री शोधकर्ताओं के लिए आकर्षण का केंद्र रही है। इस अभियान में बड़ी संख्या में महिला पुरातत्वविदों की भागीदारी भी उल्लेखनीय है, जिसे संस्था के लिए महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। द्वारका तट पर 2005 से 2007 के बीच हो चुकी है समुद्री खोदाई एएसआई इससे पहले 2005 से 2007 के बीच द्वारका तट पर तटीय और समुद्री खोदाइयां कर चुका है। तब कम ज्वार के दौरान कई मूर्तियां और पत्थर के लंगर मिले थे, जिनके आधार पर पानी के भीतर विस्तृत खोदाई की गई थी। नया अभियान द्वारका की डूबी हुई इतिहास-धरोहर पर नई रोशनी डालने की उम्मीद जगाता है। मौजूदा खोज को भारत की अंडरवॉटर सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के एएसआई के मिशन में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 26, 2025, 16:01 IST
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