Tehri News: कृषि में एआई का समावेश कर बेहतर हो सकती है खेती
विशेषज्ञों ने दिया सुझाव एग्रो इको टूरिज्म बन सकता है स्वरोजगार का सबसे बेहतर मॉडलनई टिहरी। वीर चंद्र सिंह गढ़वाली उत्तराखंड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय और भारतीय कृषि विश्वविद्यालय संघ (आईएयूए) की पहल पर आयोजित 14वां मंथन सत्र का समापन हो गया। सम्मेलन में भारत में कृषि-पर्यटनः अवसर, चुनौतियां एवं आगे की राह विषय पर विभिन्न प्रदेशों के कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपतियां, वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने अपने सुझाव दिए। मंगलवार को सम्मेलन के दूसरे दिन कृषि वैज्ञानिकों ने कृषि-पारिस्थितिकी-पर्यटन की सतत वृद्धि हेतु रणनीतियां एवं नवाचार विषय पर तकनीकी सत्र में चर्चा की। मुख्य अतिथि विधायक किशोर उपाध्याय ने कहा कि कृषि, पर्यटन और पारिस्थितिकी के एकीकरण से उत्तराखंड में रोजगार और ग्रामीण विकास के नए द्वार खुल सकते हैं। वाईएसपी विवि सोलन हिमाचल प्रदेश के डॉ. आरएस चंदेल, जूनागढ़ विवि के कुलपति डॉ. वीपी छोवतिया ने जैविक खेती, जल-ऊर्जा संरक्षण, समुदाय-आधारित मॉडल, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और स्थानीय संस्कृति का सम्मान करने की जरूरत बताई। मुख्य वक्ता प्रो. एससी बागरी ने विषय प्रस्तुत किया। समापन सत्र में औद्यानिकी एवं वानिकी विवि के कुलपति डॉ. परविंदर कौशल, नरेंद्र देव विवि अयोध्या के डॉ. बिजेंद्र सिंह ने कहा कि सम्मेलन का निष्कर्ष निश्चित ही देश और प्रदेश में कृषि और इससे आधारित उद्योगों के विकास में नया आयाम स्थापित करेगा। इससे पहले सोमवार रात को सांस्कृतिक संध्या में लोक गायिका रेखा धस्माना उनियाल और महाविद्यालय के छात्राओं ने रंगारंग प्रस्तुति दी। इस मौके पर कुलसचिव डॉ. एसपी सती, प्रो.एसपी सिंह, डॉ. अरविंद बिजल्वाण, डॉ. कीर्ति कुमारी, डॉ. बीएस बुटोला आदि मौजूद रहे।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Oct 28, 2025, 19:08 IST
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