सेहत: स्तन कैंसर के बढ़ते मामले, लेकिन राहत की खबर; 10 साल में मृत्यु दर में आई बड़ी गिरावट

महिलाओं में स्तन कैंसर के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है, लेकिन मृत्यु दर में बड़े स्तर पर गिरावट दर्ज की गई है। अमेरिकन एसोसिएशन फॉर कैंसर रिसर्च (एएसीआर) की वार्षिक बैठक में प्रस्तुत एक अध्ययन में यह जानकारी दी गई है। यह शोध वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन और साइटमैन कैंसर सेंटर के विशेषज्ञों ने मिलकर किया है। शोध का उद्देश्य यह जानना था कि किन कारणों से मृत्यु दर में गिरावट आई है और भविष्य में संसाधनों को किस प्रकार इस्तेमाल कर स्तन कैंसर के मामलों को और अधिक प्रभावी ढंग से रोका जा सकता है। इसके लिए 2010 से 2020 के बीच निगरानी, महामारी विज्ञान और अंतिम परिणाम (एसईईआर) कार्यक्रम के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया। इस अवधि में 20 से 49 वर्ष की महिलाओं में स्तन कैंसर से हुई 11,661 मौतों को आधार बनाया गया। शोध में पाया गया कि स्तन कैंसर से मृत्यु दर 2010 में प्रति 1 लाख महिलाओं पर 9.70 थी जो 2020 में घटकर 1.47 रह गई। खास बात यह रही कि ल्यूमिनल ए टाइप के मामलों में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई। ये भी पढ़ें:-अध्ययन: इलाज से कतराने पर पुरुषों को हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और HIV से ज्यादा मौत का खतरा वर्ष 2016 के बाद तेजी से बढ़े स्तन कैंसर के मामले शोधकर्ताओं के अनुसार वर्ष 2000 से 2019 तक किसी भी प्रकार के स्तन कैंसर से पीड़ित 2,17000 से अधिक गैर हिस्पैनिक अश्वेत समेत अमेरिकी महिलाओं में स्तन कैंसर की दर बढ़ी हुई पाई गई। 2000 में 20 से 49 वर्ष की महिलाओं में यह दर एक लाख महिलाओं पर लगभग 64 थी। अगले 16 वर्षों में यह धीरे-धीरे 0.24% प्रतिवर्ष की दर से बढ़ी। लेकिन 2016 के बाद अचानक प्रति वर्ष 3.76% की दर से बढ़ कर 2019 तक यह प्रति एक लाख पर 74 मामलों तक पहुंच गई थी। स्तन कैंसर के मामलों में वृद्धि लगभग पूरी तरह से एस्ट्रोजन-रिसेप्टर पॉजिटिव ट्यूमर में वृद्धि के कारण हुई। नस्लीय असमानता बनी चिंता शोधकर्ताओं ने नस्ल और आणविक उप-प्रकारों के आधार पर स्तन कैंसर के मामलों पर आधारित मृत्यु दर का मूल्यांकन भी किया है। हालांकि सुधार सभी समूहों में देखा गया, लेकिन नस्लीय असमानता अब भी बनी हुई है। गैर-हिस्पैनिक अश्वेत महिलाओं की 10 वर्षीय सापेक्ष उत्तरजीविता दर सबसे कम रही, जबकि गैर-हिस्पैनिक श्वेत और एशियाई मूल की महिलाओं में यह दर सबसे बेहतर थी। ये भी पढ़ें:-Supreme Court: आज CJI खन्ना की पीठ में वक्फ कानून से जुड़े मामले की सुनवाई; सांविधानिक वैधता को मिली है चुनौती बेहतर इलाज व जांच सुविधाओं की भूमिका विशेषज्ञों का मानना है कि युवा महिलाओं में स्तन कैंसर से मृत्यु दर को कम करने में जबरदस्त प्रगति देखी गई है। 2016 के बाद मृत्यु दर में तेज गिरावट उपचार पद्धतियों में प्रगति, सटीक दवा चिकित्सा और जांच सुविधाओं तक बेहतर पहुंच का नतीजा है। हालांकि अभी भी इस बात की जरूरत है कि 40 से 49 वर्ष की आयु की महिलाओं में जनसंख्या-आधारित जांच और अधिक खतरे वाली युवा महिलाओं की जांच को प्रोत्साहित किया जाए।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: May 05, 2025, 07:02 IST
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