AI Summit: जयशंकर ने भारत-फ्रांस सीईओ फोरम को संबोधित किया, कहा- डिजिटल युग में विश्वास और पारदर्शिता की जरूरत

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को पेरिस में एआई एक्शन शिखर सम्मेलन के दौरान 14वें भारत-फ्रांस सीईओ फोरम के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि डिजिटल युग में विश्वास और पारदर्शिता की जरूरत है। एआई एक्शन शिखर सम्मेलन का आयोजन पीएम नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की सह-अध्यक्षता में हुआ। इसके बारे में बात करते हुए जयशंकर ने कहा, 'डिजिटल युग में विश्वास और पारदर्शिता की आवश्यकता है, शिखर सम्मेलन अपने आप में एक अनुस्मारक है। उन्होंने कहा कि भारत और फ्रांस एआई, सॉफ्टवेयर विकास और साइबर सुरक्षा में बहुत कुछ कर सकते हैं। 2026 को भारत-फ्रांस नवाचार का वर्ष घोषित किया गया है।' भारत-फ्रांस की स्वतंत्र मानसिकता की परंपरा: जयशंकर विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और फ्रांस की स्वतंत्र मानसिकता की परंपरा है, इसे अलग-अलग समय पर विभिन्न तरीकों से व्यक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि हम सिर्फ एक जैसा सोचते हैं। हम एक-दूसरे की स्थिति को मजबूत करने के लिए सक्रिय रूप से प्रयास करते हैं। भारत-फ्रांस के बीच संबंध विश्वास चालित और मूल्य-आधारित विदेश मंत्री जयशंकर ने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध विश्वास-चालित और मूल्य-आधारित हैं, इसलिए उनमें बहुत उच्च स्तर की सहजता विकसित हुई है। बदले में, यह हमें सहयोग के लिए कई क्षेत्रों पर विचार करने की अनुमति देता है, जिसमें कुछ संवेदनशील क्षेत्र भी शामिल हैं। उन्होंने कहा, 'हमारी साझेदारी की गुणवत्ता ही हमारे एजेंडे को प्रोत्साहित करती है। जितना अधिक हम साथ काम करेंगे, उतना ही हम अपनी स्थिति मजबूत करेंगे।' उन्होंने कहा कि साझेदारी का वास्विक अर्थ तभी होता है, जब वे जमीन पर साकार होती हैं, और यह जिम्मेदारी काफी हद तक व्यापार पर होती है। मेक इन इंडिया क्षेत्र में वैश्विक विमर्श को आकार देने की जरूरत: जयशंकर जयशंकर ने 'मेक इन इंडिया' पहल का जिक्र करते हुए कहा कि भारत और फ्रांस अब केवल खरीद-फरोख्त के स्तर से आगे बढ़कर सह-डिजाइनिंग और सह-उत्पादन की दिशा में बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा, 'हमें इस क्षेत्र में वैश्विक विमर्श को आकार देने की जरूरत है। केवल एक बहुध्रुवीय दुनिया ही यह सुनिश्चित कर सकती है कि एआई को कम से कम पूर्वाग्रह के साथ विकसित किया जाए।' उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को सुरक्षित करने की आवश्यकता बढ़ गई है। जयशंकर ने आईएमईसी का उल्लेख किया विदेश मंत्री ने भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEC) का उल्लेख करते हुए कहा कि यह एक बड़ा परिवर्तनकारी कदम हो सकता है। उन्होंने कहा, 'यह कोई संयोग नहीं है कि पीएम मोदी और राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों मार्सिले की यात्रा करेंगे। आईएमईसी में कुछ जटिलताएं रही हैं, लेकिन मैं बताना चाहता हूं कि इसके पूर्वी छोर पर भी कुछ प्रगति हुई है।' इस दौरान विदेश मंत्री ने भारत में तेजी से हो रहे बुनियादी ढांचे के बदलावों की भी चर्चा की, जैसे रेलवे, हवाई अड्डे और राजमार्ग। जयशंकर ने जीन-नोएल बैरोट से भी मुलाकात की इससे पहले, विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने फ्रांसीसी समकक्ष जीन-नोएल बैरोट से मुलाकात की, जहां उन्होंने दोनों देशों के बीच सहयोग पर चर्चा की, जिसमें एआई, नवाचार, क्षेत्रीय और वैश्विक विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Feb 12, 2025, 05:56 IST
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