Indore News: हुकुमचंद मिल का जंगल बचाने की याचिका खारिज, कोर्ट ने कहा- वहां पेड़ नहीं, सिर्फ झाड़ियां
इंदौर के हुकुमचंद मिल के प्राकृतिक जंगल को बचाने के लिए लगाई गई जनहित याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। वकील अभिनव धनोतकर ने बताया कि कोर्ट ने कहा है कि वहां पर पेड़ नहीं हैं, झाड़ियां हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि सरकार जल्द ही कनाड़िया में एक लाख पौधे लगाने वाली है। इससे यहां पर कटने वाली झाड़ियों की भरपाई हो जाएगी। इसके साथ कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को यह भी कहा है कि जब एमपी हाउसिंग बोर्ड ने 450 करोड़ रुपए में जमीन खरीद तब आपने यह मामला क्यों नहीं उठाया। इंदौर की हुकुमचंद मिल की 42 एकड़ जमीन पर प्राकृतिक जंगल को बचाने के लिए पर्यावरणविद् डॉ.ओमप्रकाश जोशी और सामाजिक कार्यकर्ता अजय लागू ने जनहित याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि इस इलाके में लगभग 30 हजार पेड़ पिछले तीन दशकों में प्राकृतिक रूप से विकसित हुए हैं, जिन्हें काटकर व्यवसायिक और आवासीय टावर बनाने की योजना बनाई जा रही है। दोनों ने याचिका में कहा था कि हुकुमचंद मिल 1992 में बंद होने के बाद से परित्यक्त पड़ी थी। तीस साल में यह जमीन एक घने जंगल में बदल गई, जहां विभिन्न प्रकार के पेड़, पक्षी और जीव-जंतु रहते हैं। इसे इंदौर का लंग्स कहा जा सकता है, जो पॉल्यूशन और बढ़ते तापमान के बीच शहर को ऑक्सीजन और ठंडक देता है। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि मध्यप्रदेश हाउसिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड ने इस जमीन को व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए नीलाम करने और यहां मॉल, होटल और आवासीय टावर बनाने के लिए कई टेंडर और विज्ञापन जारी किए। 25 फरवरी 2025 को भोपाल में निवेशकों की बैठक भी आयोजित की गई। याचिका में यह भी उल्लेख है कि नगर निगम के उद्यान विभाग ने स्पष्ट किया है कि पेड़ काटने के लिए कोई अनुमति नहीं दी गई है। इसके बावजूद, बिना अनुमति के जंगल उजाड़ने की कार्रवाई शुरू की गई।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Sep 11, 2025, 21:43 IST
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