Indore News: जंगल बचाने के लिए इंदौरियों की हुंकार, सड़क से कोर्ट तक सरकार को घेरेंगे

इंदौर के बीच बने आखिरी प्राकृतिक जंगल को बचाने के लिए आंदोलन तेज हो गया है। हुकुमचंद मिल क्षेत्र में बने इस जंगल को बचाने के लिए पर्यावरणप्रेमी सड़क से कोर्ट तक संघर्ष कर रहे हैं। दो सप्ताह के अंदर ही दो बड़े प्रदर्शन हो चुके हैं और अब एनजीटी और कोर्ट में भी जाने की तैयारी की जा रही है। यह भी पढ़ें Indore News: इंदौर का आखिरी जंगल खतरे में, नागरिकों ने बोला हमें फ्लैट नहीं ऑक्सीजन चाहिए राजबाड़ा से मिल क्षेत्र तक प्रदर्शन, अब मोहल्लों में होगा जागरण समाजसेवी अजय लागू ने बताया कि दो सप्ताह के अंदर हमने दो प्रदर्शन किए हैं। पहला प्रदर्शन हुकुमचंद मिल के अंदर किया गया और दूसरा प्रदर्शन राजबाड़ा में किया गया। दोनों ही जगह बड़ी संख्या में पर्यावरणप्रेमी पहुंचे और कई संस्थाओं ने हमें सपोर्ट किया। अब हम रहवासी संघों, मोहल्लों, स्कूलों और कालेजों में जागरण करेंगे। शहर की जनता को जागरूक करेंगे और इस आंदोलन से जोड़ेंगे। यह जंगल कट गया तो इंदौर की सांसे भी कट जाएंगी। एनजीटी और कोर्ट में शुरू होंगे प्रयास पर्यावणप्रेमियों ने बताया कि अब एनजीटी और कोर्ट के सामने भी जंगल की वास्तिवक स्थिति को रखा जाएगा। यह बताया जाएगा कि इससे कितना नुकसान होगा। सरकार और प्रशासन को कानूनी रूप से भी इस जंगल को बचाने के लिए बाध्य किया जाएगा। हम अपने बच्चों का भविष्य खत्म कर रहे आंदोलन से जुड़ी डाक्टर सृष्टि सराफ ने कहा कि यदि यह जंगल कट गया तो हम अपने बच्चों के लिए एक खतरनाक भविष्य देकर जाएंगे। नई पीढ़ी को न तो स्वच्छ हवा मिलेगी न ही पानी। पूरा शहर आज भट्टी की तरह तप रहा है। इसके कटने के बाद तो तापमान और भी अधिक बढ़ जाएगा। प्राकृतिक जंगल क्यों है खास पर्यावरणविद् ओपी जोशी बताते हैं कि इस प्राकृतिक जंगल में दो बड़े तालाब, दो कुएं, कई बावड़ियां मौजूद हैं। लगभग दस हजार से अधिक प्राचीन पेड़ हैं जो इंदौर के मध्यक्षेत्र के लिए पानी सहेजते हैं। यह शहर का मुख्य रिचार्ज जोन है जिसकी वजह से लाखों लीटर पानी जमीन के अंदर जाता है और शहर के बोरिंग रिचार्ज होते हैं। शहर के तापमान को कम करने और आक्सीजन को लेवल को बढ़ाने के लिए भी यह जंगल मुख्य भूमिका निभाता है। शहर में आज बारिश पूरी तरह से असामान्य हो चुकी है। अगर यह जंगल रहेंगे तभी बारिश बेहतर होगी। यदि इसे काट दिया गया तो इससे बारिश पर भी प्रभाव पड़ेगा। नेताओं को बदलना पड़ेगा अपना फैसला इंटक के श्याम सुंदर यादव और जनहित पार्टी के अभय जैन ने कहा कि यह फैसला वर्तमान सरकार को बदलना पड़ेगा। इस जंगल के कटने से इंदौर पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा। इस तरह का प्राकृतिक जंगल खोने के बाद इंदौर के हाथ में पर्यावरण के नाम पर कुछ नहीं बचेगा। क्या बनेगा यहां हुकुमचंद मिल की जमीन सरकार के पास है और यहां पर एक कमर्शियल प्रोजेक्ट लाया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट में मप्र हाउसिंग बोर्ड फ्लैट बनाकर बेचेगा। फ्लैट की शुरुआती कीमत एक करोड़ रुपए से अधिक होगी। इसके साथ यहां पर दुकानें, व्यापारिक प्रकल्प भी बनेंगे।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Aug 20, 2025, 20:23 IST
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