Indore News: मलबे का ढेर बन गया नेहरू पार्क, करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार, पीएम मोदी से की शिकायत
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत किए गए निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और वित्तीय अनियमितताओं पर नगर निगम महापौर परिषद के सदस्य एवं प्रभारी महापौर राजेंद्र राठौर ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने अधिकारियों की कार्यशैली पर नाराजगी जताते हुए इन कार्यों की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। राठौर ने इस सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मामले की जानकारी दी है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। Indore: इंदौर में बनेंगे दो नए आईटी पार्क, 50 से ज्यादा कंपनियों को मिलेगी स्पेस नेहरू पार्क के कार्यों में नियमों का उल्लंघन राजेंद्र राठौर ने अपने पत्र में नेहरू पार्क से जुड़ी गड़बड़ियों का विशेष रूप से उल्लेख किया है। उन्होंने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा निर्धारित ग्रीन बेल्ट के नियमों के उल्लंघन, पार्क के मूल स्वरूप को नष्ट करने, निर्माण में घोर लापरवाही बरतने और घटिया सड़कों के निर्माण को लेकर अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि अफसरों ने प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी स्मार्ट सिटी योजना को गंभीरता से नहीं लिया और परियोजना की राशि का दुरुपयोग किया गया। इसकी वजह से शहर के सबसे प्रतिष्ठित नेहरू पार्क के संचालन और संधारण पर सवाल खड़े हो गए हैं। 8 करोड़ की लागत से घटिया निर्माण कार्य प्रभारी महापौर द्वारा प्रधानमंत्री को भेजी गई चिट्ठी में यह भी लिखा गया है कि उद्यान के निरीक्षण के दौरान कई प्रकार की खामियां सामने आईं। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों और कंसल्टेंट्स ने मिलीभगत कर 8 करोड़ रुपये का घटिया निर्माण कार्य कराया, जिसे अब नगर निगम के हवाले किया जा रहा है। इसके अलावा, स्मार्ट सिटी की अन्य योजनाओं में भी त्रुटिपूर्ण प्लानिंग और धन के दुरुपयोग की बात कही गई है, जिससे सरकार को आर्थिक नुकसान हुआ है। एमजी रोड का निर्माण भी सवालों के घेरे में राठौर ने अपने पत्र में स्मार्ट सिटी परियोजना के अंतर्गत हुए अन्य निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने एमजी रोड के निर्माण को इसका एक बड़ा उदाहरण बताया। उन्होंने बताया कि क्लॉथ मार्केट से लेकर राजवाड़ा तक बनी यह सड़क मात्र दो वर्षों में ही उखड़ गई, जिससे यह स्पष्ट होता है कि निर्माण में गुणवत्ता की अनदेखी की गई है। उन्होंने ठेकेदार कंपनियों, कंसल्टेंट्स और अधिकारियों के गठजोड़ की बात कही और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। राठौर ने चिट्ठी में लिखा अफसरों ने नेहरू पार्क का अस्तित्व ही खत्म कर दिया। 200 डंपर मलबे का ढेर लगा दिया, जीएनटी के आदेश की भी परवाह नहीं की। 10 दुकानें बनाईं, आवंटन से पहले ही जर्जर हो गईं। हरियाली नष्ट करते हुए उद्यान क्षेत्र में 50 फीसदी सीमेंटेड निर्माण करवाया गया। इससे ऑक्सीजन में कमी आई। फाउंटेन लगाए थे, यह खराब हो गए हैं। मूर्ति टूट गई है। 10 दुकानें बनाईं। आवंटन से पहले ही जर्जर हो गई। सीमेंट का बड़ा स्ट्रक्चर बना दिया, छोटी-छोटी हट्स बनाई, जिनका कोई उपयोग नहीं है। पार्क के मध्य ओपन थिएटर बनाया, इसकी भी टाइल्स गिरने लगी है। बच्चों का पार्क था, उनके मनोरंजन की कोई व्यवस्था नहीं है। ट्रेन का ट्रैक घटिया बनाया, बैरिकेड्स टूट गए, जिससे दुर्घटना हो सकती है। विद्युत कार्यों की स्थिति दयनीय हो चुकी है। शौचालयों में पानी नहीं है। पूरे बगीचे को मलबे के ढेर में बदल दिया है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Apr 21, 2025, 07:22 IST
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