अध्ययन: बालों को खूबसूरत बनाने में शरीर में जा रहे घातक नैनो कण, फेफड़ों और दिमाग को हो रहा गंभीर नुकसान

अगर आप हर दिन हेयर स्ट्रेटनर, कर्लिंग आयरन या अन्य हेयर स्टाइलिंग प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं तो यह खबर आपकी सेहत से जुड़ी है। अमेरिका की पर्ड्यू यूनिवर्सिटी में हुए एक नए अध्ययन में पाया गया है कि महज 10 से 20 मिनट की हेयर स्टाइलिंग के दौरान शरीर में उतने ही खतरनाक नैनो-पार्टिकल्स पहुंच जाते हैं, जितने किसी व्यस्त सड़क पर खड़े रहने से पहुंचते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि ये सूक्ष्म कण हमारे फेफड़ों के सबसे अंदरूनी हिस्से तक जाकर जमा हो सकते हैं और सांस की दिक्कत, सूजन, यहां तक कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डाल सकते हैं। इसलिए महिलाओं को विशेष रूप से सतर्क रहने की जरूरत है। अध्ययन के मुताबिक हेयर स्टाइलिंग टूल्स स्ट्रेटनर, कर्लिंग आयरन आदि जब 150 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा गर्म होते हैं, तो बालों में लगाए गए प्रोडक्ट्स में मौजूद केमिकल्स तेजी से वाष्पित होकर हवा में जहरीले कणों का गुबार बना देते हैं। उदाहरण के तौर पर, 182 डिग्री सेल्सियस या उससे ज्यादा तापमान पर निकले कणों में से 95% कण 100 नैनोमीटर से भी छोटे पाए गए। ये भी पढ़ें:-Climate Change: सहयोग के बिना जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई मुश्किल, कॉप 30 अध्यक्ष का भारत-ब्राजील सहयोग पर जोर डी5 सिलोक्सेन रसायन हानिकारक इन सूक्ष्म कणों में डी5 सिलोक्सेन नामक रसायन खास तौर पर हानिकारक है जो अक्सर हेयर स्प्रे, सीरम और लीव-ऑन प्रोडक्ट्स में पाया जाता है। यूरोपियन यूनियन ने इसे कई उत्पादों में प्रतिबंधित कर दिया है, क्योंकि यह फेफड़ों, लीवर और दिमाग को नुकसान पहुंचा सकता है और पर्यावरण में लंबे समय तक बना रहता है। रिसर्च में यह भी पाया गया कि एक बार की स्टाइलिंग के दौरान ही 10 अरब से ज्यादा नैनोकण हमारे श्वसन तंत्र में जमा हो सकते हैं। तापमान जितना ज्यादा होगा, उतने ही ज्यादा कण निकलेंगे। चूंकि लंबे बालों की स्टाइलिंग में अधिक समय लगता है इसलिए एक्सपोजर और बढ़ जाता है। यहां तक कि बिना गर्मी के भी खुशबू वाले रसायन कमरे की ओजोन गैस से मिलकर हानिकारक कण पैदा कर सकते हैं। ये भी पढ़ें:-Spicejet: विमान में यात्री को दिया सिर्फ एक बर्गर और फ्राइज, उपभोक्ता आयोग ने लगाया 55 हजार रुपये जुर्माना 10 मिनट की हेयर स्टाइलिंग भारी प्रदूषण के बराबर वैज्ञानिकों का कहना है कि जब हम 10 से 20 मिनट तक बालों को स्टाइल करते हैं तो शरीर में उतने ही जहरीले कण पहुंच जाते हैं जितने किसी व्यस्त सड़क पर 20 से 200 मिनट खड़े रहने से पहुंचते हैं। यानी थोड़े समय की स्टाइलिंग, घंटों तक सड़क प्रदूषण झेलने के बराबर है। अगर बालों को 149 डिग्री सेल्सियस पर स्टाइल किया जाए तो कणों की संख्या 1 अरब से कम होती है, इसलिए खतरा कुछ हद तक कम रहता है। लेकिन जैसे ही तापमान 210 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचता है, कणों की संख्या कई गुना बढ़ जाती है और यह स्थिति बेहद खतरनाक हो जाती है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Sep 02, 2025, 05:21 IST
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