यादें देवी अहिल्या की: राजवाड़ा के सामने अहिल्या बाई की प्रतिमा लगाने में लगे थे 36 साल, इतने साल रहा शासन

देवी अहिल्या बाई के जन्म का त्रिशताब्दी समारोह जोर-शोर से मनाया जा रहा है। इंदौर रियासत में होलकर राजाओं की शासन अवधि 220 वर्ष 22 दिन रही। इसमें अहिल्या बाई ने 28 वर्ष 5 माह 17 दिन राजपाठ संभाला था। इस मान से होलकर काल के करीब 14 प्रतिशत समय पर देवी अहिल्या बाई होलकर ने राज किया था। हालांकि, यह भी चौंकाने वाली सचाई है कि इंदौर के ऐतिहासिक राजवाड़ा चौक पर उनकी प्रतिमा लगाने में 36 साल का वक्त लगा था। उस वक्त भी अतिक्रमण इसमें बाधक बना था। राजधानी महेश्वर, इंदौर था सैन्य छावनी दरअसल, देवी अहिल्या बाई होलकर ने अपनी राजधानी खरगोन जिले में स्थित महेश्वर बनाई थी और इंदौर एक सैनिक छावनी के रूप में अस्तित्व में था। 1818 में हुई मंदसौर संधि के पश्चात इंदौर राजधानी बना और नगर के छावनी क्षेत्र के रेसीडेंसी एरिया में एजीजी (एजेंट टू गवर्नर जनरल) का ऑफिस स्थापित हुआ था, जो मध्यभारत की रियासतों पर नियंत्रण का कार्य करता था। ये भी पढ़ें: 1933 में रखा था प्रतिमा का प्रस्ताव इंदौर में देवी अहिल्या बाई की राजवाड़ा के सम्मुख प्रतिमा के स्थान को अहिल्या चौक ने नाम से भी जाना जाता है। देवी अहिल्या बाई की प्रतिमा नगर में स्थापित करने के लिए 36 साल लंबा इंतजार करना पड़ा था। 1933 में अहिल्योत्सव समिति ने प्रस्ताव पारित किया कि नगर में देवी अहिल्याबाई की प्रतिमा राजवाड़ा के सामने स्थापित की जाए। 1933 में होलकर रियासत के प्रमुख यशवंतराव होलकर द्वितीय थे, हालांकि, उनके कार्यकाल में प्रतिमा नहीं लग सकी।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: May 23, 2025, 10:01 IST
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