यादें देवी अहिल्या की: होलकर रियासत में कंपेल अहम परगना था, कई मंदिर और अहिल्या कचहरी के लिए है प्रसिद्ध

शहर के समीप स्थित कंपेल कस्बा होलकर रियासत का एक महत्वपूर्ण परगना था। अचानक यह चर्चा में आ गया है। कंपेल में कई मंदिर और देवी अहिल्या बाई की कचहरी वर्तमान में मंदिर जीर्ण शीर्ण हालत में है। देवी अहिल्या बाई होलकर की 300वीं जयंती पर इन स्थलों को राज्य स्मारक का दर्जा देकर इनके विकास की चर्चा हो रही है। कंपेल में काफी ऐतिहासिक सामग्री समय रहते मिल सकती थी, परंतु समय पर ध्यान नहीं देने से इतिहास के अवशेषों की दुर्दशा हो गई। कंपेल का इतिहास कंपेल का इतिहास बहुत ही गौरवशाली है। भोज परमार (1010 से 1055 ई.) के पिपल्दा ताम्रपत्र से ज्ञात होता है की कंपेल का प्राचीन नाम काम्पिल्य था। परमार काल में यह मुख्यालय था। आईना-ए-अकबरी में कंपेल को मालवा सूबा उज्जैन के अधीन महल के मुख्यालय के रूप में बताया गया था। मुगल काल और मांडव सुल्तानों के काल में कंपेल का महत्व अधिक था। ये भी पढ़ें-मई महीने में हुई बारिश का 138 साल पुराना कनेक्शन, तब तुकोजीराव ने शुरू करवाया था जलसंग्रह

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: May 14, 2025, 20:05 IST
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