सेहत की बात: निरंतर टीकाकरण से घटी नवजात शिशुओं की मृत्यु दर, जीरो डोज वाले बच्चों की संख्या भी हुई कम

उत्तर प्रदेश में नवजात शिशुओं और छोटे बच्चों को जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए निरंतर अभियान चल रहा है। इससे टीके की खुराक न लेने वाले (जीरो डोज) बच्चों की संख्या में कमी आई है। इससे नवजात शिशु मृत्यु दर में कमी भी आई है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि जीरो डोज वाले बच्चों की संख्या में आई कमी राज्य के स्वास्थ्य तंत्र, सहयोगी संगठनों और समुदाय के प्रयासों को दर्शाता है। कोई भी बच्चा टीकाकरण से न छूटे, इसके तहत हर समुदाय व परिवार के बच्चों का टीकाकरण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 60 जिलों में यह अभियान चल रहा है। निरंतर टीकाकरण से जानलेवा बीमारियों से बच्चों का जीवन सुरक्षित हुआ है। हर साल करीब 67 लाख गर्भवती महिलाओं और 57 लाख बच्चों (0–1 वर्ष) को 28 लाख से अधिक टीकाकरण सत्रों के माध्यम से टीके लगाए जाते हैं। उन्होंने बताया कि जीरो डोज वे बच्चे होते हैं, जिन्हें जीवन के पहले वर्ष में कोई भी टीका नहीं लगा होता है। इससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। वे डिप्थीरिया, काली खांसी, टिटनेस, खसरा और पोलियो जैसी बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं। सरकारी प्रयासों और भागीदारी संगठनों के सहयोग से इन बच्चों की संख्या में लगातार गिरावट आई है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Aug 25, 2025, 10:49 IST
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