Siddharthnagar News: खाद्य सामग्री ही नहीं रंग-गुलाल भी मिलावटी
संवाद न्यूज एजेंसीसिद्धार्थनगर। खुशियों के पर्व होली में खाद्य पदार्थ और अबीर गुलाल में भी मिलावट है। धंधेबाज मोटी कमाई के लिए किसी वस्तु को नहीं छोड़ रहे हैं। ऐसे में खुद जागरूक होकर सामान की खरीद करें। क्योंकि पनीर में अरारोट, खोआ में मैदा, अबीर में बालू और रंग में केमिकल मिलाकर बिक्री की जा रही है। धंधेबाज बाजार में इन सामानों को उतार चुके हैं। बिक्री ही बाकी है।ऐसे में बाजार में खरीदारी करते समय सतर्क रहें। बाजार की वस्तुओं का कम से कम प्रयोग करें और अगर खरीदते हैं छोटी दुकान से खरीदें। क्योंकि यहां मिलावट की गुंजाइश थोड़ी कम है। ऐसा जानकारों का कहना है। वहीं, स्वास्थ्य विशेषज्ञ होली में संभलकर मिठाई और पनीर और बाहर की तलीभुनी वस्तुओं को खाने की सलाह दे रहे हैं। क्योंकि तत्काल फूड प्वाइजनिंग के साथ- साथ लीवर और किडनी का खतरा बता रहे हैं। अबीर और केमिकल वाले रंग के प्रयोग से स्किन पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। ऐसी विशेषज्ञों की राय है। उनका कहना है कि होली मनाएं, लेकिन बहुत सतर्कता से नहीं तो पेट से लेकर स्किन तक के रोगी हो जाएंगे।सब में मिलावटी, कुछ नहीं छोड़ा : बाजार की बात करें तो धंधेबाजों ने किसी खाद्य वस्तु को नहीं छोड़ा है। होली की मुख्य मिठाई गुझिया है, और वह खोआ से बनती है। दुकान से लेकर घर तक लोग खोआ का इस्तेमाल करते हैं। खोआ कितना सही है, इससे शायद आप अनभिज्ञ होंगे। खोआ भी नकली बेचा जा रहा है। मैदा और केमिकल मिलाकर खोआ तैयार कर दिया जा रहा है। कानपुर नकली खोआ आपूर्ति के लिए बदनाम है। पूर्व में बड़ी मात्रा में खोआ की बरामदगी हो चुकी है। वहीं, दो दिन पहले खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने इटवा से 38 किलो नकली खोआ पकड़ा था, उसे नष्ट करवाया था। यह कार्रवाई इस बात की पुष्टि कर रही है कि जनपद में मिलावटखोरों का धंधा कितना तेज है। होली को लेकर सैकड़ों क्विंटल खोआ बाजार में उतार चुके हैं। जो त्योहार में बिकने वाला है और जाने अनजाने हम और आप इसे खरीदेंगे। वहीं, नमकीन की बात करें तो जिले में 70 प्रतिशत नमकीन गोरखपुर के साहेबजगंज मंडी से आती है। जहां छापे में खराब तेल और कपड़े वाले रंग से कलर लाने की बात सामने आने के बाद कार्रवाई हुई है। इस होली में 100 क्विंटल से अधिक नमकीन जिले में आ चुका है। जिसे धंधेबाज खपाएंगे। खराब तेल और कलर से बनी नमकीन बिक्री करेंगे। वहीं, तेल की बात करें तो 25 करोड़ रुपये से अधिक का तेल बिक्री होने वाला है। इसमें पॉम आयल बहुत निम्न क्वालिटी का है। इसके साथ विभिन्न प्रकार की कचरी और पापड़ हैं, जो खराब क्वालिटी के तेल से बना है। इसके खाने से तबीयत खराब हो सकती है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Mar 11, 2025, 22:49 IST
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