Waqf Law: वक्फ संशोधन कानून पर बहकावे में न आएं वतन परस्त मुसलमान; संपत्ति पर हमला बताना सदी का झूठ

देश में हर सुधार को हिंदू-मुस्लिम के रंग में क्यों रंग दिया जाता है क्या इस्लाम के अनुयायी इतने भोले हैं कि आसानी से बहकावे में आ जाते हैं किसी भी ऐसे मुद्दे पर जिसका आम मुस्लिम और इस्लाम से कोई वास्ता नहीं है, जिससे उनकी धार्मिक मान्यताओं पर कोई असर नहीं होता हो, क्या ऐसे मुद्दों पर भी मुस्लिमों को भड़काया जा सकता है वक्त आ गया है कि कौम और आगे आने वाली नस्लों की बेहतरी चाहने वाले हर वतन परस्त मुसलमान को दिल पर हाथ रखकर यह बात सोचनी चाहिए। आजादी के समय से ही तत्कालीन राजनीतिक दलों और उनके नेताओं द्वारा अपने राजनीतिक हितों के लिये मुसलमानों में असुरक्षा की भावना पैदा की गई है। यही भावना देश में दंगों और झगड़ों की वजह रही है। पुराने धार्मिक मुद्दों पर नागरिकों की भावनाओं का इस्तेमाल कर, उसे हवा देकर एक-दूसरे के खिलाफ लड़ाया जाता रहा है। ऐसे मुद्दे जिससे आम मुसलमानों को कोई फर्क नहीं पड़ता है, न्हें भी धार्मिक मुद्दा बना कर देश और बहुसंख्यक आबादी के खिलाफ भड़का या जाता रहा है। रामजन्मभूमि आंदोलन के कारण भड़की भावनाओं पर हम सभी हिंदूवादी संगठनों की आलोचना करते थे। ऐसे मुद्दों को देश की प्रगति के विरुद्ध मानते थे, लेकिन जैसे-जैसे जमीनी हकीकत से सामना होता रहा और दोनों पक्षों के नेताओं से कानून-व्यवस्था को लेकर अनुभव होते रहे, तब महसूस हुआ कि वक्फ जैसे कई मुद्दों से मुस्लिम अस्तित्व, मुस्लिम धर्म, मुस्लिम अस्मिता पर कोई फर्क नहीं पड़ता। ऐसे में सवाल आता कि जब कोई फर्क पड़ता ही नहीं तो इतनी आक्रामकता क्यों वर्तमान एनडीए सरकार में गरीब मुस्लिम की भी सभी कल्याणकारी योजनाओं में बराबरी का हिस्सेदारी है। कोई भेदभाव नहीं है और न ही भेदभाव का कोई संदेश है। फिर उन्हीं के हित और लाभ के लिए बन रहे कानूनों के खिलाफ इतना विरोध क्यों इससे यह तो स्पष्ट है कि कुछ राजनीतिक दल मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति पर काम कर रहे हैं और झूठ बोलकर बिना आधार के मुद्दे खड़े करने की कोशिश कर रहे हैं। कई नेताओं ने तो संसद में वक्फ बिल पर कुछ भी नहीं बोला, लेकिन सार्वजनिक मंचों से झूठ बोल कर उकसा रहे हैं। इस पूरे प्रकरण को समझने के लिए हमें देश के बंटवारे के समय उत्पन्न हुई परिस्थिति को समझना होगा। इन्हीं परिस्थितियों ने देश में इस प्रकार की भावनाओं को जन्म दिया है। जब देश का बंटवारा हो रहा था, तो एक नेता की महत्वाकांक्षा और पीएम बनने की लालसा ने मुस्लिम तुष्टीकरण की बीमारी को जन्म दिया। इसे भी पढ़ें-Samwad Day 1:माफिया, औरंगजेब, हिंदू राष्ट्र से लेकर खेल-फिल्मों तक अमर उजाला संवाद के पहले दिन की बड़ी बातें संपत्ति पर हमला बताना सदी का झूठ मुसलमानों को सरकार का धन्यवाद करना चाहिए कि देश में उनकी वक्फ की संपत्तियों के प्रबंधन के लिये नया कानून लाया गया है। सरकार चाहती तो देश में एक समान आचार संहिता की दिशा में वक्फ को भी हिंदू चैरिटी एक्ट के साथ मिलाकर देश में एक कॉमन चैरिटी एक्ट ला सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया और पुराने वक्फ कानून की भावना को सुरक्षित रखते हुए केवल सम्पत्ति प्रबंधन की व्यवस्थाओं को बेहतर करने के लिए संशोधन किए गए हैं। ऐसे में इसे मुसलमानों और उनकी सम्पत्ति पर हमला बताना इस सदी का सबसे बड़ा झूठ है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Apr 18, 2025, 04:32 IST
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