Gurugram News: कागजों में भरपूर पानी, हकीकत में गुरुग्राम प्यासा
43 लाख लोगों के लिए पेयजल उपलब्ध फिर भी कॉलोनियों में संकट बरकरारनंबर गेम- 670 एमएलडी पानी सप्लाई की क्षमतामनोज धर द्विवेदीगुरुग्राम। गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) भले की कागजों में शहर के लोगों को भरपूर पानी का दावा करता हो, लेकिन हकीकत यह है कि यहां की कई कॉलोनियों में लोग पानी के लिए तरस रहे हैं। जहां एक ओर बसई और चंदू बुढ़ेरा नहरी पानी संयंत्रों की कुल क्षमता 670 एमएलडी की है, जो 43 लाख लोगों की प्यास बुझाने के लिए पर्याप्त है। वहीं, दूसरी ओर लीकेज और बर्बादी के कारण पानी व्यर्थ बह रहा है, जिससे गुरुग्राम में पानी का संकट गहराता जा रहा है। यह विरोधाभास जीएमडीए के जल संकट प्रबंधन पर भी सवाल खड़े करता है। जिले में अधिकारियों के लापरवाही व लोगों की प्यास दोनों बरकरार हैं। अधिकारी कागजों में भरपूर पानी दे रहे हैं मगर हकीकत में यहां सूखा है। शहर की कई कॉलोनियों में जल का संकट काफी ज्यादा है। उन्हें हर दिन पानी के संकट से जूझना पड़ रहा है। दोनों संयंत्र के अलावा नगर निगम की ओर से करीब आठ एमएलडी पानी ट्यूबवेल के माध्यम से सप्लाई किया जाता है। इन जगहों पर होती है ज्यादा परेशानी सनसिटी, सेक्टर-51, 55, 56, वजीराबाद क्षेत्र, डीएलएफ फेज दो व तीन, पालम विहार, सेक्टर-22, 23 प्रमुख है। इन कॉलोनियों में गर्मी में पानी का संकट उत्पन्न हो जाता है। ऐसे में लोगों को टैंकरों का सहारा लेना पड़ता है। हालांकि, शहर के अंतिम छोर वाली कंपनियों में पानी की सप्लाई ठीक करने के लिए जीएमडीए काम कर रहा है। इसके लिए नई पाइप लाइन डाली जानी है। इसका एस्टीमेट तैयार है। सनसिटी के पूर्व महासचिव वीएमके सिंह के अनुसार कॉलोनी में कम पानी मिलता है। कई बार लोगों को टैंकर की मदद लेनी पड़ती है। हजारों लीटर पानी रोज बह जाता हैलीकेज के कारण पुराने शहर की कई कॉलोनियों में सप्लाई के पहले गंदा पानी पहुंच रहा है। 10 मिनट चलने के बाद जब पानी साफ आता है, तब उसे टंकी में भर रहे हैं। इससे भी लाखों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है। ज्योति पार्क, भीम नगर, नई बस्ती, राम नगर, मदरपुरी, सुभाष नगर और जैकमपुरा में गंदा पानी पहुंच रहा है। भीमनगर निवासी आदित्य ने बताया कि पानी की लाइन में लीकेज के कारण यह समस्या आ रही है। इस बारे में नगर निगम को शिकायत दी गई है। सोसाइटियों में सीवर ट्रीट कर बागवानी में उपयोग करने का प्रावधान है लेकिन लोग पेयजल का उपयोग करते हैं। इसके अलावा गुरुग्राम की अधिकांश सोसाइटियों में स्विमिंग पूल बने हैं। इनमें भी पानी की काफी जरूरत है। इसका असर काॅलोनियों में पानी में आपूर्ति पर पड़ता है।----------------------चंदू बुढ़ेड़ा स्थित जल शोधन संयंत्र (डब्लूटीपी) यूनिट-4 को चालू होने से शहर में कुल जलापूर्ति 570 एमएलडी से बढ़कर 670 एमएलडी हो गई है। मास्टर प्लान 2031 को ध्यान में रखकर दो संयंत्रों का निर्माण होना है जबकि एक पर काम चल रहा है। एक अनुमान के मुताबिक, साल 2031 तक 1170 एमएलडी पानी की जरूरत होगी। लोक निर्माण विभाग के पूर्व अभियंता सीआर बिश्नोई के अनुसार शहर की कई कॉलोनियों में सालों पुरानी लाइनें हैं। ऐसे में काफी पानी लीकेज में बर्बाद हो रहा है। नगर निगम को भी कॉलोनियों में अवैध कनेक्शन को लीकेज को कदम उठाना चाहिए। -आरएस जांगड़ा, मुख्य अभियंता, जीएमडीए
- Source: www.amarujala.com
- Published: Sep 22, 2025, 19:26 IST
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