Bijapur: 127 एकड़ जमीन कब्जा विवाद पर गरमाई सियासत,पुलिस ने रोका जांच दल,नदी पार कर पीड़ित ने सुनाई अपनी पीड़ा
बीजापुर जिले के भैरमगढ़ ब्लॉक के ग्राम बैल, धरमा, मरकापाल और बड़ेपल्ली के ग्रामीणों की करीब 127 एकड़ से अधिक निजी जमीन पर कब्जे का मामला सामने आया है। ग्रामीणों का आरोप है कि रायपुर के उद्योगपति महेंद्र गोयनका ने इन जमीनों पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया है। मामले के सामने आने के बाद छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज के निर्देश पर एक नौ सदस्यीय जांच समिति गठित की गई। इस समिति के संयोजक पूर्व उपाध्यक्ष एवं केशकाल विधायक संतराम नेताम हैं। अन्य सदस्यों में बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी, चित्रकोट के पूर्व विधायक राजमन बेंजाम, दंतेवाड़ा के पूर्व विधायक प्रत्याशी छविन्द्र कर्मा, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी, जिला पंचायत सदस्य नीना रावतिया उद्दे, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष शंकर कुडियम, जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष लालू राठौर और जिला पंचायत सदस्य लच्छूराम मौर्य शामिल हैं। बुधवार को यह जांच दल प्रभावित गांवों के पीड़ितों से मिलने रवाना हुआ, लेकिन पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए इंद्रावती नदी पार करने की अनुमति नहीं दी। इसके बाद भी हिम्मत नहीं हारते हुए पीड़ित ग्रामीण स्वयं नदी पार कर भैरमगढ़ ब्लॉक के इतामपार पंचायत स्थित उस्परी घाट पहुंचे और वहीं जांच समिति के समक्ष अपनी पूरी व्यथा सुनाई। जांच समिति ने उसी स्थल पर भैरमगढ़ के एसडीएम को ज्ञापन सौंपा, जिसमें उद्योगपति महेंद्र गोयनका और उनकी पत्नी मीनू गोयनका के खिलाफ कार्रवाई करने और पीड़ितों की जमीन वापस दिलाने की मांग की गई। इसके बाद समिति के सदस्य ग्रामीणों के साथ भैरमगढ़ थाना पहुंचे और वहां भी एफआईआर दर्ज कर जमीन वापस दिलाने के लिए आवेदन सौंपा। समिति संयोजक संतराम नेताम ने कहा कि हम खुद मौके पर जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने सुरक्षा का हवाला देकर रोक दिया। सरकार एक ओर बस्तर को नक्सल-मुक्त घोषित करती है और दूसरी ओर पीड़ितों से मिलने नहीं देती। यह सब उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने की साजिश है। पूर्व विधायक राजमन बेंजाम ने तंज कसते हुए कहा कि जिस रास्ते से नक्सली समर्पण कर लौटते हैं, उसी रास्ते से उद्योगपति जा रहे हैं। आखिर क्षेत्र में ऐसा क्या है जिसके लिए वे जमीन खरीद रहे हैं वहीं बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी ने सवाल उठाया कि जब सरकार कहती है कि बस्तर नक्सल-मुक्त है, तो उद्योगपति ने इंद्रावती नदी के उस पार 127 एकड़ जमीन कैसे हथिया ली किसने बेची, किसके संरक्षण में क्या ग्रामसभा की अनुमति ली गई उन्होंने भाजपा सरकार पर उद्योगपति को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए जमीनों की निष्पक्ष जांच और पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग की। इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण, कांग्रेस कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। मामले को लेकर भैरमगढ़ से लेकर रायपुर तक राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Nov 05, 2025, 16:09 IST
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