दोतरफा दुस्साहस पर वार की तैयारी: चीन से सटे पूर्वोत्तर में भी सेना करेगी युद्धाभ्यास, आसमान होगा खाली

सीमा पर दुश्मन देशों के किसी भी दोतरफा दुस्साहस का जवाब देने के लिए इस बार भारत की तैयारी अभूतपूर्व है। मई में ऑपरेशन सिंदूर के पहले चरण के बाद सेना के तीनों अंग लगातार किसी न किसी सैन्य अभ्यास में अपना युद्ध कौशल निखार रहे हैं। पाकिस्तान से सटी सीमा पर तीनों सेनाओं के त्रिशूल युद्धाभ्यास के बीच अब भारत ने पूर्वोत्तर में भी नोटिस टू एयरमैन (नोटम) जारी किया है। जिसके तहत यहां के हवाई क्षेत्र को नागरिक उड़ानों के लिए अस्थायी रूप से मुक्त रखा गया है। यह इलाका चीन, भूटान, म्यांमार और बांग्लादेश से सटा है। यह नोटम कई चरणों में लागू रहेगा। पहला चरण 6 और 20 नवंबर, दूसरा 4 और 18 दिसंबर, जबकि तीसरा चरण 1 और 15 जनवरी को प्रभावी रहेगा। इस दौरान नागरिक विमान उड़ान नहीं भर सकेंगे, ताकि वायुसेना की ऑपरेशनल गतिविधियों के लिए पूरा आसमान खाली रहे। पूर्वोत्तर का इलाका रणनीतिक दृष्टि से काफी संवेदनशील है, क्योंकि यह चार देशों चीन, भूटान, म्यांमार और बांग्लादेश से घिरा है। सूत्रों के अनुसार इस दौरान वायुसेना अपने अग्रिम लड़ाकू विमानों के साथ बड़े पैमाने पर युद्धाभ्यास करेगी। इसका संदेश साफ है कि भारत दुश्मन देशों के किसी भी संभावित दोतरफा दुस्साहस की तैयारी कर रहा है। जवाब देने की क्षमता परखेगा भारत भूराजनीतिक नजरिये से देखें तो चीन और बांग्लादेश में भारत के अनुकूल वातावरण नहीं रहा है। जाहिर है यह सारे युद्धाभ्यास देश पर कई दिशाओं से आने वाले संकट की सूरत में माकूल जवाब देने की क्षमता परखने और निखारने के लिए है। ड्रोन व काउंटर ड्रोन अभ्यास इस बीच सेना ने राजस्थान में अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे रेगिस्तानी इलाकों में बड़े स्तर पर ड्रोन व काउंटर ड्रोन युद्धाभ्यास वायु समन्वय-2 किया है। सेना ने बताया कि इस दो दिवसीय अभ्यास में अगली पीढ़ी के युद्ध की तैयारी की गई। मल्टी डोमेन वातावरण में किए इस अभ्यास में सेना ने इलेक्ट्रॉनिक युद्ध जैसा वातावरण निर्मित कर तैयारी की। सेना की दक्षिणी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ ने कहा कि इस अभ्यास से मिली सीख सेना की क्षमता विकसित करने में योगदान देगी। दोतरफा युद्ध हकीकत सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी भी यह कह चुके हैं कि दो मोर्चों पर युद्ध अब एक संभावना नहीं, बल्कि हकीकत है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद उन्होंने यह भी कहा था कि अगले युद्ध के लिए हमें तैयारी करनी होगी क्योंकि इसके जल्द होने की संभावना बनी है। क्या कहते हैं विशेषज्ञ ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन से जुड़े रक्षा विशेषज्ञ सुशांत सरीन ने अमर उजाला से कहा कि जिस पैमाने पर युद्धाभ्यास हो रहे हैं, ऐसा लगता है कि पश्चिमी और पूर्वी दोनों मोर्चों पर साझा युद्ध की संभावना का परीक्षण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन युद्धाभ्यासों का एक उद्देश्य सेनाओं के बीच तालमेल की परख करना भी है, क्योंकि सेनाएं संयुक्तता पर काम कर रही हैं। समुद्री फायरिंग की पाकिस्तान की तैयारी पर उन्होंने कहा कि जिस तरह भारत पाकिस्तान को सामरिक संदेश दे रहा है, उसी तरह वहां से भी संदेश देने की कोशिश है। भारत के त्रिशूल से अटकीं पाकिस्तान की सांसें गुजरात और राजस्थान से सटी सीमा पर तीनों सेनाओं के त्रिशूल युद्धाभ्यास से पाकिस्तानी सैन्य हलकों में काफी बेचैनी है। सीमा के इसी क्षेत्र में समुद्री फायरिंग की तैयारी के तहत पाकिस्तान ने नौसैनिक नौवहन चेतावनी जारी की है। खास बात यह है कि तस्वीरों में समुद्री फायरिंग के लिए पाकिस्तान के चुने गए क्षेत्र, भारत के नोटम वाले क्षेत्र से ओवरलैप करता दिख रहे हैं। जियो इंटेलिजेंस विशेषज्ञ डेमियन सायमन ने सोशल मीडिया पर बताया कि पाकिस्तान अब उसी क्षेत्र में फायरिंग अभ्यास के लिए चेतावनी जारी कर रहा है, जहां भारत ने सैन्य अभ्यास के लिए हवाई क्षेत्र आरक्षित कर रखा है। समुद्र में फायरिंग अभ्यास के लिए पाकिस्तान की चेतावनी 2 से 5 नवंबर तक प्रभावी रहेगी। ब्यूरो भारत ने झोंकी ताकत पाकिस्तान से सटी पश्चिमी सीमा पर भारत ने त्रिशूल युद्धाभ्यास में 25 हजार जवानों के साथ पूरी ताकत झोंकी हुई है। नौसैनिक अभियानों के डीजी वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने बताया कि इस अभ्यास में तीनों सेनाओं के साथ-साथ बीएसएफ, तटरक्षक बल और केंद्रीय एजेंसियां भी भाग ले रही हैं। अभ्यास में परंपरागत आयामों के अलावा साइबर व अंतरिक्ष जैसे नए आयाम भी शामिल हैं। नौसेना के 20 से 25 युद्धपोत और वायुसेना के 40 से अधिक विमान शामिल हैं। आगामी 10 नवंबर तक जारी रहने वाले इस अभ्यास में युद्ध की बेहद जटिल परिस्थितियां निर्मित की गई हैं। तीनों सेनाएं सीमाई इलाकों में संयुक्त ऑपरेशन, शत्रु सीमा में गहराई तक वार करने की क्षमता और मल्टी डोमेन वॉरफेयर का अभ्यास कर रही हैं। ख्वाजा आसिफ के बिगड़े बोल भारत के त्रिशूल युद्धाभ्यास के बीच पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने शनिवार को कहा है कि भारत के किसी भी उकसावे को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, भारत के खिलाफ हमारा जवाब पहले से अधिक कड़ा होगा। पाकिस्तान की बेचैनी का एक कारण उत्तरी सीमा पर अफगानिस्तान से बिगड़े संबंध भी माने जा रहे हैं। हाल ही में दोनों देशों के बीच जोरदार सैन्य झड़पें हुई हैं। इसके अलावा आंतरिक विद्रोह भी पाकिस्तानी सेना की नाक में दम किए हैं।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 02, 2025, 07:24 IST
पूरी ख़बर पढ़ें »

Read More:
India news National



दोतरफा दुस्साहस पर वार की तैयारी: चीन से सटे पूर्वोत्तर में भी सेना करेगी युद्धाभ्यास, आसमान होगा खाली #IndiaNews #National #SubahSamachar