Jaipur: जेनेटिक और मेटाबॉलिक बीमारियों पर चर्चा, विशेषज्ञ बोलें- इलाज खर्चीला नहीं,सही समय पर पहचान होना जरूरी

जयपुर-मेटाबॉलिक बीमारियां सिर्फ लाइफ स्टाइल से संबंधित ही नहीं, बल्कि जेनेटिक भी हो सकती हैं। जन्म के कुछ समय बाद ही बार-बार उल्टी आना, भूख न लगना, दूध न पीना, वजन और लंबाई का न बढ़ना, सुस्ती, चिड़चिड़ापन या दौरे, सांस लेने में तकलीफ़, लीवर या किडनी का बढ़ना जैसे लक्षण बच्चे में दिख रहे हैं। उनके अन्य टेस्ट सामान्य आ रहे हैं तो कुछ जेनेटिक टेस्ट करके इन बीमारियों का पता लगाया जा सकता है। इंडियन सोसायटी फॉर इनबॉर्न एरर्स ऑफ मेटाबॉलिज्म (आईएसआईईएम) जयपुर चैप्टर, आईएपी जयपुर ब्रांच और एन एन एफ, राजस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित एक दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस जेनेटिक एंड मेटाबॉलिक मिरेकल्स, अनलॉकिंग ट्रीटेबल डिसऑर्डर्स' में एक्सपर्ट्स ने ऐसी जानकारियां दी। कॉन्फ्रेंस के ऑर्गेनाइजिंग चेयरमैन डॉ. जेके मित्तल ने बताया कि इस दौरान देशभर से 120 से अधिक विशेषज्ञों ने भाग लिया और जेनेटिक स्क्रीनिंग से लेकर उसके इलाज में आ रही नवीनतम दवाओं, जांचों के बारे में जानकारी साझा की। 'खर्चीला नहीं है इलाज' ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. प्रियांशु माथुर ने बताया कि खास बात यह है कि इनका इलाज खर्चीला नहीं है, बल्कि सामान्य दवाओं की तरह कुछ दवाएं लेकर इसे ठीक किया जा सकता है। अक्सर लोग समझते हैं कि जन्मजात मेटाबॉलिक डिसऑर्डर या लाइसोसोमल स्टोरेज डिसऑर्डर का इलाज केवल बहुत महंगा होता है, लेकिन हाल के वर्षों में शोध और चिकित्सा में प्रगति से यह धारणा बदल रही है। जैसे फेनाइलकीटोनूरिया बीमारी विशेष डाइट और सप्लीमेंट्स से ठीक तरह से नियंत्रित हो जाता है। गैलैक्टोसीमिया में बच्चे को बस गैलैक्टोज़ (दूध की शक्कर) से मुक्त आहार देना होता है, कोई महँगी दवा नहीं। विल्सन डिजीज का इलाज पेनिसिलामिन या जिंक जैसी अपेक्षाकृत सस्ती दवाओं से हो जाता है। ये भी पढ़ें-jaipur heavy rainfall: जयपुर में साढ़े तीन इंच से ज्यादा बारिश, देर रात से शुरू हुई झमाझम सुबह तक जारी 'डिसऑर्डर से जुडी जानकारी' कॉन्फ्रेंस में डॉ. सुनीता बिजारणियां ने बाल रोग विशेषज्ञों के लिए एक विशेष सत्र में जेनेटिक एंड मेटाबॉलिक डिसऑर्डर को पहचान करने के बारे में बताया। डॉ. अनिल जालान ने मेटाबॉलिक बीमारियां के बायोमार्कर और जरूरी जांचों पर, डॉ. उदिया कोटेचा ने जेनेटिक टेस्टिंग में आए नए ट्रेंड्स, डॉ. अमित गुप्ता ने न्यू बॉर्न स्क्रीनिंग पर, डॉ. वेरोनिका अरोड़ा ने लाइसोसोमल स्टोरेज डिसऑर्डर पर सेशन लिया। डॉ. लोकेश अग्रवाल ने जानकारी दी कि इस दौरान पैनल डिस्कशन भी हुआ। ये भी पढ़ें-rajasthan flood: rajasthan flood: बारिश से तहाबी-कोटा और बूंदी में 24 अगस्त की RSCIT परीक्षा रद्द, 2 जिलों आज भी रेड अलर्ट

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Aug 24, 2025, 12:12 IST
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