Supreme Court: अब छात्र 'किराये के घर पर GST' नहीं देंगे; राज्य बार काउंसिल की समितियों में 30% महिला कोटा
सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को स्पष्ट किया कि किसी आवासीय परिसर को ऐसे संस्थान को लीज पर देने पर, जो उसे छात्रों या कामकाजी पेशेवरों के लिए हॉस्टल के रूप में उपयोग करता है तो उस पर जीएसटी नहीं लगेगा। अदालत ने कहा कि ऐसी स्थिति में संपत्ति का मूल उपयोग आवासीय ही रहता है और इस पर कर लगाने से आवासीय उपयोग पर दी गई छूट का उद्देश्य विफल हो जाएगा।जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि हॉस्टल भी रहने की सुविधा प्रदान करता है, इसलिए इसे आवासीय उपयोग की श्रेणी में रखा जाना चाहिए। अदालत ने कहा कि यदि इस प्रकार की लीज पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया गया, तो इसका सीधा असर छात्रों और युवा पेशेवरों पर पड़ेगा, जबकि कानून की मंशा ही उनकी लागत को कम करना है। यह मामला बंगलूरू स्थित 42 कमरों वाली एक आवासीय संपत्ति से जुड़ा है, जिसे सह-मालिकों ने डी ट्वेल्व स्पेसेस प्राइवेट लिमिटेड को लीज पर दिया था। कंपनी इस संपत्ति को तीन से बारह महीने तक रहने वाले छात्रों और कामकाजी किरायेदारों के लिए हॉस्टल के तौर पर चला रही थी। संपत्ति के मालिक ने यह जानने के लिए अग्रिम निर्णय प्राधिकरण (एएआर), कर्नाटक से आवेदन किया था कि क्या इस प्रकार की किराये पर देने की सेवा जीएसटी छूट के दायरे में आएगी। बीसीआई राज्य बार काउंसिल की कार्यकारी समितियों में महिला वकीलों को 30 फीसदी कोटा सुनिश्चित करे सुप्रीम कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) से आगामी राज्य बार काउंसिल चुनावों में महिलाओं के लिए 30 फीसदी आरक्षण सुनिश्चित करने को कहा। राज्य बार काउंसिलों में महिलाओं के अनिवार्य प्रतिनिधित्व की मांग वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए, शीर्ष अदालत को शीर्ष बार निकाय बीसीआई ने बताया कि इस तरह के आरक्षण को लागू करने के लिए अधिवक्ता अधिनियम में संशोधन की आवश्यकता होगी। सीजेआई जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ को बीसीआई के वकील गुरुकुमार ने बताया कि कई राज्य बार काउंसिल चुनाव प्रक्रियाएं पहले ही शुरू हो चुकी हैं, जिससे तत्काल बदलाव मुश्किल हो रहे हैं। इस पर सीजेआई ने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि बीसीआई नियमों की व्याख्या इस तरह से करेगा कि यह राज्य बार काउंसिलों में 30 फीसदी आरक्षण सुनिश्चित करेगा। पदाधिकारियों के कुछ पदों के लिए भी ऐसी स्थिति उपलब्ध होनी चाहिए। बीसीआई के वकील ने कहा कि क्या सच में पर्याप्त संख्या में महिला वकील चुनाव लड़ेंगी, तो पीठ ने महिला वकीलों के बीच एक सर्वेक्षण के आधार पर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से कार्यशाला का उल्लेख किया। आप कल की कार्यशाला में नहीं थीं। 83 प्रतिशत महिलाएं एससीबीए की सदस्य बनना चाहती हैं।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Dec 05, 2025, 02:48 IST
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